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कमजोर हो रहे मॉनसून ने बढ़ाई किसानों की चिंता, देशभर में मानसून पर ब्रेक की परिस्थितियां बनीं, अधिकांश हिस्सों में मानसून की स्थिति कमजोर…

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मौसम अपडेट : देशभर में ब्रेक मानसून की परिस्थितियां बनने की प्रबल संभावना बन गई है। ब्रेक मानसून की घोषणा तब की जाती है जब मानसून टर्फ हिमालय की तलहटी में शिफ्ट हो जाती है। गंगा के मैदानी क्षेत्रों और देश के मध्य भागों में शुष्क पछुआ हवा द्वारा आर्द्र पूर्वी हवा की जगह ले लेती है।

ऐसे में बारिश कम होगी और यह किसानों के लिए चिंता का विषय है. खरीफ फसल की खेती में लगे किसानों के लिए भरपूर मॉनसूनी बारिश की जरूरत होती है. लेकिन फिलहाल स्थिति में परिवर्तन हो रहा है. पूर्वानुमान के मुताबिक, उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में बारिश कम होगी.

एक सप्ताह तक मॉनसून के आगे बढ़ने की संभावना नहीं

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया है कि उत्तर भारत के ऊपर की वर्तमान मौसमी स्थितियों और मौसम से जुड़े मॉडल से मिल रहे संकेत के आधार पर राजस्‍थान, पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के बाकी हिस्‍सों तथा चंडीगढ़ और दिल्‍ली में अगले 6-7 दिनों तक दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने की संभावना फिलहाल नहीं है.

इस परिस्थिति में देश के अधिकांश हिस्सों में मौसम लगभग शुष्क हो जाता है। पश्चिमी हिमालय राज्यों, उत्तर प्रदेश तथा बिहार के तराई वाले जिलों सहित पूर्वोत्तर राज्यों में वर्षा की गतिविधियां कम होती हैं। देश के पश्चिमी तट पर भी बरसात में कमी होती है। यह ब्रेक मानसून की स्थिति कम से कम अगले एक सप्ताह तक जारी रहने की संभावना है। छह जुलाई के बाद मानसून फिर सक्रिय हो सकता है, क्योंकि मानसून की अक्षीय रेखा दक्षिण की ओर चलना शुरू कर देगी। जुलाई के पहले सप्ताह तक देश के अधिकांश हिस्सों में मानसून की कमजोर स्थिति जारी रहने की संभावना है।
इस समय यह है मानसून की गतिविधि

इस समय एक टर्फ रेखा उत्तर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से झारखंड और उत्तरी ओडिशा होते हुए उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तरी छत्तीसगढ़ पर बना हुआ है। एक अन्य चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र ओडिशा के दक्षिणी तट और इससे सटे उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश पर बना हुआ है। एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तर पश्चिमी राजस्थान और इससे सटे पाकिस्तान के हिस्सों पर बना हुआ है। दक्षिण गुजरात पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। लेकिन मानसून में प्रगति देखने को नहीं मिल रही है। लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए बेल 🔔 आइकन को दबाये

𝐁𝐇𝐈𝐒𝐌 𝐏𝐀𝐓𝐄𝐋

𝐄𝐝𝐢𝐭𝐨𝐫 𝐚𝐭 𝐇𝐈𝐍𝐃𝐁𝐇𝐀𝐑𝐀𝐓 𝐋𝐢𝐯𝐞 ❤
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