छत्तीसगढ़

कोरबा : हाथी प्रभावित गांव की गलियां रातों में सोलर लाईट से हो रही है रौशन…

हाथी से जान बचाने के लिए लोगों को मिल रही सुविधा जिले के आठ हाथी प्रभावित गांवों में सोलर पावर प्लांट स्थापित

कोरबा/ जिले के हाथी प्रभावित दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों के गांवो को सोलर लाईटों से रोशनी मिल रही है। सौर उर्जा चलित सोलर लाईट की सुविधा मिल जाने से हाथी प्रभावित गांवों की गलियां रातों में रौशन हो रही है। क्रेडा विभाग द्वारा कटघोरा वनमंडल अंतर्गत आने वाले विकासखण्ड पोड़ी-उपरोड़ा के आठ गांवों में सोलर लाइट के लिए सोलर पावर प्लांट स्थापित किया गया है। हाथी प्रभावित गांव लाद, बनिया, तनेरा, बाला, सलिहाभांठा, केंदई सड़कपारा, केंदई बस्ती एवं ठूठीपीपर में तीन किलोवॉट क्षमता के सोलर पावर प्लांट स्थापित किए गए हैं। सोलर पावर प्लांट से इन गांवो में लगी सोलर स्ट्रीट लाईटों को बिजली प्रदान की जा रही है। इन गांवो को सोलर लाईट की सुविधा मिल जाने से गांव की सड़कों, गलियों एवं चौक-चौराहों में रोशनी प्राप्त हो रही है। रोशनी होने के कारण हाथी गांव में प्रवेश नहीं करते हैं जिससे लोगों को जान-माल का खतरा नहीं होता है। हाथी प्रभावित गांव बनिया की सरपंच श्रीमती संतोषी ने बताया कि उनके गांव की गलियों में करीब 20 पोल सोलर लाईट के लगाये गये है। सोलर लाईट के लग जाने से रात में अंधेरा नहीं रहता है। रात में उजाला रहने से गांव में हाथी का दल प्रवेश नहीं करते हैं। सरपंच ने बताया कि बारिश के मौसम में बिजली बंद होने के बावजूद सोलर लाईट से रोशनी मिलती रहती है। गांव में हाथी दल के प्रवेश करने की सूचना मिलते ही सभी लोग सोलर लाईट की ओर जाकर अपनी जान बचाते हैं। श्रीमती संतोषी ने बताया कि गांव में सोलर लाईट लग जाने से लोगों को हाथी से जान बचाने के साथ फसल सुरक्षा की भी सुविधा मिली है।

इसी प्रकार ग्राम पंचायत लाद के सरपंच श्री हिमांशु तंवर ने बताया कि क्रेडा विभाग के द्वारा उनके गांव के छिंदवारपारा मोहल्ला में सोलर पावर प्लांट लगाया गया है। पावर प्लांट से गलियों में लगे सोलर स्ट्रीट लाईट को बिजली प्राप्त होती है। सोलर लाईट के लगने से रोशनी की समस्या दूर हो गई है। सोलर लाईट दिनभर चार्ज होते रहता है और शाम होते ही चालू हो जाता है। यह लाईट रातभर जलती रहती है। सरपंच ने बताया कि सोलर लाईट से सभी मौसम में गांव की गलियां रोशन रहती है। पहले गांव में हाथी आने पर हाथी को भगाने और सुरक्षा के लिए आग जलाकर रोशनी की व्यवस्था करनी पड़ती थी। बारिश के मौसम में आग जलाना संभव नहीं हो पाता था। बारिश के दौरान गांव की बिजली चले जाने पर पूरे गांव में अंधेरा छा जाता था। ऐसे समय में हाथी दल के आगमन पर लोगों को अंधेरे में भागने का रास्ता नहीं मिलता था और जान-माल का काफी नुकसान होता था। क्रेडा द्वारा सोलर लाईट लगाए जाने से सभी मौसम में रोशनी की सुविधा मिल रही है। रोशनी में सभी लोग एकजुट होकर जान बचाने में सफल हो पाते हैं।
क्रेडा विभाग के सहायक अभियंता श्री एन. के. राय ने बताया कि हाथी प्रभावित गांवो में सोलर लाईट लगने के पूर्व हर साल बड़ी संख्या में हाथी दल रात के अंधेरों में गांवो में प्रवेश करते थे। गांव में प्रवेश कर फसलों के साथ-साथ ग्रामीणों के घरों को भी नुकसान पहुंचाते थे। उन्होंने बताया कि हाथी प्रभावित इलाकों के ग्रामीणों को हाथी दल से राहत दिलाने के लिए जिला खनिज न्यास निधि से आठ गांवों में सोलर पावर प्लांट लगाया है। इन गांवो में 300 वाट क्षमता के 10 पैनल स्कूलों के छतों पर लगाये गये हैं। इन पैनलों के माध्यम से दिन में सूर्य की रौशनी से बिजली बनती रहती है। सोलर पावर प्लांट से पैदा हुए बिजली को अंडर ग्राउंड केबल के माध्यम से स्ट्रीट लाईटों तक पहुंचाया गया है। इस बिजली से रात में सोलर लाईटें जलती रहती हैं। सोलर लाईटों के प्रकाश से हाथी गांव की गलियों में नहीं रहते है तथा गांव के बाहर से ही निकल जाते हैं।

𝐁𝐇𝐈𝐒𝐌 𝐏𝐀𝐓𝐄𝐋

𝐄𝐝𝐢𝐭𝐨𝐫 𝐚𝐭 𝐇𝐈𝐍𝐃𝐁𝐇𝐀𝐑𝐀𝐓 𝐋𝐢𝐯𝐞 ❤
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