छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही, एक करोड़ साठ लाख से भी अधिक की नशीली टेबलेट एवं सिरप बरामद..

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सूखे नशे के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के तहत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय श्री राम गोपाल गर्ग, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) श्री अभिषेक झा के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा एनडीपीएस के हर एक अपराध में पूरी चैन को गिरफ्तारी की जो मुहीम चलाई जा रही है जिसके अंतर्गत दुर्ग जिले के थाना मोहन नगर के अपराध क्रमांक 520 / 2023 8, 22 (ग), 27 (क) नारकोटिक एक्ट में विवेचना एवं राजस्थान जाकर आरोपी के पता साजी हेतु नगर पुलिस अधीक्षक दुर्ग श्री मणिशंकर चन्द्रा के नेतृत्व में प्रशिक्षु उपपुलिस अधीक्षक सुश्री आकांक्षा पाण्डेय तथा निरीक्षक विजय यादव, थाना प्रभारी मोहन नगर, उपनिरीक्षक चेतन चन्द्राकर चौकी प्रभारी जेवरा सिरसा, प्रधान आरक्षक जावेद खान, आरक्षक क्रांती शर्मा, आरक्षक गौरसिंग राजपुत की विशेष टीम भेजी गयी थी जिनके द्वारा राजस्थान के बुन्दी में बॉयोलैब रेमेडिस के संचालक अंकुश पालीवाल द्वारा पूरे देश के विभिन्न राज्यों में तथा अंतराष्ट्रीय मार्केट बांग्लादेश में ऑनलाईन माध्यम से फर्जी कम्पनियों को नशीली दवाईयॉ सप्लाई किया जाता था, जिसको गिरफ्तार किया गया तथा अंकुश पालीवाल द्वारा अवैध रूप से जमा किये गये प्रतिबंधित नशीली टेबलेट और सिरप जप्त किया गया। जिसका अवैध मार्केट में रेट 1,60,44,000रू (एक करोड़ साठ लाख चवालीस हजार रूपये) है।

सूखे नशेके खिलाफ छ0ग0 के इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही दुर्ग पुलिस द्वारा किया गया ।

इसी अपराध में दुर्ग जिला के वैभव खण्डेलवाल एवं आकांक्षा खण्डेलवाल द्वारा इण्डिया मार्ट के साईट में जाकर एक फर्जी कम्पनी वैभव फार्मसिटीकल बनाया गया था जिनके द्वारा राजस्थान के अंकुश पालीवाल से प्रतिबंधित नशीली दवाईयॉ मंगाकर ऑनलाईन कम्पनी इण्डिया मार्ट में वाइरस मेडिकोस के नाम से पूरे देश में अवैध रूप से नशीली दवाईयॉ सप्लाई किया जाता था। जबकि उसके बहन आकांक्षा खण्डेलवाल के द्वारा छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में रिटेल मे बेंचा जाता था। जिसे दुर्ग पुलिस द्वारा पूर्व में ही गिरफतार कर जेल भेजा जा चुका है। इसी सप्लाई क्रम में जब उनसे कड़ाई से पूछताछ की गई तो उनके द्वारा यह बताया गया कि डार्क वेब का उपयोग कर उनको पता चला कि किस प्रकार से फर्जी कम्पनी बनाकर अवैध रूप से नशीली दवाईयॉ का व्यापार कर पैसा कमाया जा सकता है तब उनके द्वारा अंकुश पालीवाल से सम्पर्क कर अवैध रूप से प्रतिबंधित नशीली दवाईयॉ ऑनलाईन प्राप्त कर अवैध रूप से बिक्री की जा रही थी। जिन्हें पूर्व में अपराध क्रमांक 520 / 2023 धारा 8, 22ग, 27क नारकोटिक एक्ट में गिरफतार कर जेल भेजा गया था । इसी विवेचना क्रम में आरोपी वैभव खण्डेलवाल के मेमोरण्डम में राजस्थान के बुंदी जिले के बायो लेब रेमेडिस से इण्डिया मार्ट के माध्यम से फर्जी दस्तावेज के सहारे प्रतिबंधित नशीली दवाईयां को बेंच रहा था । उक्त अपराध में अग्रिम विवेचना एवं धरपकड़ के लिये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा तत्काल एक विशेष टीम गठित कर नगर पुलिस अधीक्षक दुर्ग श्री मणि शंकर चंद्रा के नेतृत्व में राजस्थान बुंदी जिले रवाना किया गया। जहां पर बायोलेब रेमेडिस के संचालक अंकुश पालीवाल को विधिवत गिरफ्तार कर पूछताछ की गई जिसमें उनके द्वारा यह स्वीकार किया गया कि उसके द्वारा अवैध रूप से बने कंपनियों को प्रतिबंधित दवाईयो की सप्लाई किया जा रहा था साथ ही उनके द्वारा प्रतिबंधित दवाई जिनके निशानदेही पर दुर्ग पुलिस द्वारा राजस्थान के कोटा, बुन्दी और जयपुर में जाकर छोपेमारी की कार्यवाही की गई, कुल 1,60,44,000रू (एक करोड़ साठ लाख चवालीस हजार रूपये) से भी अधिक की नशीली टेबलेट एवं सिरप बरामद किया गया। जिसका विवरण इस प्रकार है:

𝐁𝐇𝐈𝐒𝐌 𝐏𝐀𝐓𝐄𝐋

𝐄𝐝𝐢𝐭𝐨𝐫 𝐚𝐭 𝐇𝐈𝐍𝐃𝐁𝐇𝐀𝐑𝐀𝐓 𝐋𝐢𝐯𝐞 ❤
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