छत्तीसगढ़

ग्लाइफोसेट नींदानाशक कृषि उपयोग हेतु प्रतिबंधित खेती में इस केमिकल के उपयोग पर सरकार ने लगाया बैन, सुरक्षा कारणों का दिया हवाला

खेती-किसानी करने वालों के लिए एक बड़ी खबर है. सरकार ने मानव/जानवरों के लिए स्वास्थ्य संबंधी खतरों और जोखिम को देखते हुए हर्बिसाइड (खरपतवार नाशक) ग्लाइफोसेट (Glyphosate) और इसके अवयव के उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया है।

ग्लाइफोसेट संपूर्ण खरपतवार नाशक होने के कारण किसानों द्वारा व्यापक तौर पर उपयोग किया जा रहा है। किन्तु ग्लाइफोसेट एवं उसके अन्य उत्पादों का भूमि, मनुष्यों एवं पशुओं के स्वास्थ्य में दुष्परिणाम देखने को मिल रहा है एवं इसको देखते हुए कई देशों में प्रतिबंध लगाया गया है।

भारत सरकार के द्वारा भी राजपत्र के माध्यम से दिनांक 21 अक्टूबर 2022 को अधिसूचना जारी कर मनुष्य एवं पशुओं के स्वास्थ्य में दुष्परिणाम देखते हुए ग्लाफोसेट के उपयोग को कृषि उपयोग हेतु प्रतिबंधित किया गया है। केरल सरकार से ग्लाइफोसेट और उसके उत्पाद के वितरण, बिक्री और उपयोग को रोक लगाने हेतु भारत सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया था। प्रस्तुत रिपोर्ट का विशेषज्ञ समिति द्वारा विचार-विमर्श पश्चात् उक्त प्रस्ताव से संतुष्ट होकर ग्लाइफोसेट को संपूर्ण भारत वर्ष में सामान्य उपयोग हेतु प्रतिबंधित किया गया है।

जिसके अनुसार ग्लाइफोसेट एवं उसके व्युत्पाद का भण्डारण एवं वितरण कीटनाशक विर्क्रेताओं द्वारा नहीं किया जाएगा तथा पूर्व में बचत स्कंध (ग्लाइफोसेट) को संबंधित विनिर्माता कंपनी अथवा थोक विक्रेताओं को निश्चित समयावधि में वापस करना होगा। निश्चित समयावधि उपरांत उक्त नींदानाशक के भण्डारण एवं वितरण की स्थिति में कीटनाशक अधिनियम 1968 के तहत् संबंधित विक्रेताओं के विरुद्ध कार्यवाही किया जावेगा।

अतः किसान भाईयों से प्रतिबंधित नींदानाशक ग्लाइफोसेट के दुष्परिणाम को देखते हुए इसका उपयोग कृषि कार्य हेतु नहीं करने की अपील की जाती है तथा फुटकर विक्रेताओं को ग्लाइफोसेट का विक्रय नहीं कर स्कंध को विनिर्माता/थोक विक्रेताओं को वापस करने की सलाह दी जाती है।

𝐁𝐇𝐈𝐒𝐌 𝐏𝐀𝐓𝐄𝐋

𝐄𝐝𝐢𝐭𝐨𝐫 𝐚𝐭 𝐇𝐈𝐍𝐃𝐁𝐇𝐀𝐑𝐀𝐓 𝐋𝐢𝐯𝐞 ❤
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