छत्तीसगढ़

मंदिर परिसरों सहित सार्वजनिक स्थानों में पशु बलि देना प्रतिबंधित-हाईकोर्ट..

बलौदाबाजार,28 सितंबर 2020 / बलौदाबाजार जिले के सभी मंदिर परिसरों सहित सार्वजनिक स्थानों में पशु बलि देना प्रतिबंधित किया गया है। यह आदेश उच्च न्यायालय बिलासपुर के रिट पिटिशन क्रमांक डब्ल्यूपीएन 2287/2001 के परिपालन पर पशु बलि प्रथा समाप्त किये जाने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश आज पशुधन विभाग के द्वारा जारी किये गए है। उपसंचालक पशु चिकित्सा विभाग डॉ सी के पाण्डेय ने बताया की इसके तहत जिले के आम जनता से अपील की जाती है की माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में मंदिर परिसरों में पशु बलि देना प्रतिबंधित किया गया है।

यदि जिले के किसी भी मंदिर परिसरों पर पशु बलि देना पाया गया तो जीव जन्तुओं के प्रति क्रुरता अधिनियम 1960 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी। इसके साथ ही पशु बलि प्रथा रोकने राज्य स्तरीय समिति द्वारा भी कुछ सुझाव भी दिया गया है की समय समय पर जिला प्रशासन के माध्यम से जागरूकता रैली का आयोजन किया जावेगा। कक्षा- 5वीं से कक्षा- 8वी तक पशु बलि प्रतिरोध पर शैक्षणिक पाठ्यक्रम में समावेश करने कार्य योजना प्रस्तावित है। सामाजिक जन चेतना हेतु गैर शासकीय संस्थायें एवं अन्य सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा।

मंदिर प्रबंधन एवं धार्मिक ट्रस्टों को बलि प्रथा पर प्रतिबंध लगाने हेतु निर्देशित किया गया है। मंदिर परिसर एवं सार्वजनिक स्थलों में होर्डिंग एवं पोस्टर के माध्यम से जागरूकता लाने की योजना है। जिसके तहत जिले के सभी मंदिरों में एक बोर्ड भी लगाया जायेगा।धार्मिक अवसरों जैसे नवरात्रि इत्यादि पर्व में जनचेतना हेतु जुलुस निकालकर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाने की योजना आने वाले समय मे किये जाएंगे। आम लोगो के सहयोग एवं जागरूकता से ही मंदिर परिसरों में पशुबलि की प्रथा को रोका जा सकता है।

𝐁𝐇𝐈𝐒𝐌 𝐏𝐀𝐓𝐄𝐋

𝐄𝐝𝐢𝐭𝐨𝐫 𝐚𝐭 𝐇𝐈𝐍𝐃𝐁𝐇𝐀𝐑𝐀𝐓 𝐋𝐢𝐯𝐞 ❤
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