मौसम अपडेट : छत्तसीगढ़ में मानसून की स्थिति असामान्य बनी हुई है। कई जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई है। वहीं कई जिलों में औसत से कम बारिश हुई है। अब तक प्रदेश में औसत से 8 मिमी कम बारिश हुई है। हालांकि आने वाले दिनों में उत्तरी जिलों और बस्तर संभाग के जिलों में भारी बारिश की संभावना जतायी जा रही है।
मौसम विज्ञान केंद्र से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, बलरामपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और कोरिया जैसे जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है, वहीं राजनांदगांव, कबीरधाम, दुर्ग, धमतरी, रायपुर, बिलासपुर जैसे जिलों में बारिश की भारी कमी देखी जा रही है।
मौसम विभाग की माने तो अगले तीन दिनों तक सरगुजा व बिलासपुर संभाग के कुछ स्थानों पर भारी से अतिभारी बारिश हो सकती है। 6 व 7 जुलाई को उत्तर व दक्षिण छत्तीसगढ़ में व्यापक वर्षा होगी। प्रदेश में अगले एक सप्ताह तक मानसूनी बारिश होती रहेगी। लगातार बारिश होने के बाद अब प्रदेश में मानसून का कोटा पूरा हो रहा है और केवल 8 फीसदी कम बारिश हुई है। इतनी कम बारिश को सामान्य माना जाता है।
अब तक की बारिश का आंकड़ा
राज्य में बारिश सामान्य से अभी भी 8 प्रतिशत कम दर्ज की गई है। प्रदेश में औसत सामान्य बारिश 225.6 मिमी होती है। लेकिन उसके मुकाबले अब तक 206.9 मिमी वर्षा हुई है। हालांकि कुछ जिलों में यह आंकड़ा सामान्य से काफी अधिक भी रहा।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग की ओर से 4 जुलाई को उत्तर छत्तीसगढ़ और बस्तर संभाग के दक्षिणी जिलों में भारी बारिश और वज्रपात की चेतावनी जारी की गई है। साथ ही गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में होने की संभावना है। इसे लेकर मौसम विभाग की ओर से अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, मानसून द्रोणिका बीकानेर से होते हुए उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक फैली है। मध्य प्रदेश और ओडिशा के ऊपर दो अलग-अलग ऊपरी हवा के चक्रवाती परिसंचरण बने हुए हैं। एक द्रोणिका उत्तर छत्तीसगढ़ होते हुए अरब सागर से बंगाल की खाड़ी तक फैली है, जिससे उत्तर और दक्षिण छत्तीसगढ़ में बारिश की गतिविधियां तेज हो रही हैं।