बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के प्रभाव से आज (30 अक्टूबर) दक्षिण और मध्य छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र रायपुर ने चेतावनी जारी करते हुए एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ भारी बारिश और वज्रपात की भी संभावना जताई है।
विशेष रूप से सरगुजा संभाग के जिलों— अंबिकापुर, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर में तेज बारिश का असर देखने को मिल सकता है।
मोंथा हो रहा कमजोर, पर इन इलाकों में चलेगा जोर
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, चक्रवात ‘मोंथा’ अब कमजोर पड़ते हुए उत्तर-उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है। मंगलवार की सुबह यह जगदलपुर से करीब 220 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित था। मौसम विभाग का अनुमान है कि यह आगे बढ़ते हुए आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और दक्षिण छत्तीसगढ़ के ऊपर से गुजरेगा और अगले 24 घंटों में अवदाब (Depression) के रूप में बदल जाएगा।
- भारी बारिश का अलर्ट: एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ भारी बारिश और वज्रपात की आशंका।
- हवा की रफ्तार: चक्रवात के अवदाब में बदलने के बाद दक्षिण और मध्य छत्तीसगढ़ में 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। कुछ इलाकों में तेज झोंके भी महसूस किए जा सकते हैं।
31 अक्टूबर से मिलेगी राहत
मौसम केंद्र ने राहत की खबर देते हुए बताया कि चक्रवात के पश्चिम की ओर खिसकने और कमजोर पड़ने के बाद, 31 अक्टूबर से पूरे प्रदेश में बारिश में कमी आएगी और मौसम धीरे-धीरे शुष्क होने लगेगा।
रायपुर के मौसम का हाल
राजधानी रायपुर में भी मौसम में बदलाव जारी है। 29 अक्टूबर को अधिकतम तापमान 30.0^\circ सेल्सियस और न्यूनतम 23.2^\circ सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से क्रमशः 0.9^\circ कम और 3.3^\circ अधिक रहा। दिन में हल्की बूंदाबांदी हुई।
आज (30 अक्टूबर) रायपुर में अधिकतम तापमान 31^\circ और न्यूनतम तापमान 23^\circ रहने के साथ हल्की वर्षा और बादल छाए रहने की संभावना है।
आंध्र प्रदेश 53,000 हेक्टेयर फसल चौपट

मोंथा तूफान से आंध्र प्रदेश और ओडिशा में फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. बात अगर आंध्र प्रदेश की करें तो एसपीएसआर नेल्लोर और प्रकाशम जिलों में भारी तबाही मची है. नेल्लोर में औसतन 128 मिमी और प्रकाशम में 180 मिमी बारिश दर्ज की गई. शुरुआती अनुमान के मुताबिक, दोनों जिलों में 53,000 हेक्टेयर से ज्यादा कृषि भूमि जलमग्न हो गई, जिससे फसलें बर्बाद हो गईं. प्रकाशम जिले के कृषि अधिकारी श्रीनिवास राव ने कहा कि 12,418 किसान प्रभावित हुए हैं. जिले के 178 गांवों में करीब 10,274 हेक्टेयर में कपास, बाजरा और धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है.




















