छत्तीसगढ़

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ को दी एक और बड़ी सौगात, मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री के प्रति जताया आभार…

नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय कैबिनेट बैठक में आज छत्तीसगढ़ के लिए एक बड़ी घोषणा हुई। आईआईटी भिलाई के कैम्पस के विस्तार के साथ ही तकनीकी शिक्षा और अनुसंधान के लिए नई सुविधाएं मिलेंगी। इसके अलावा अब आईआईटी भिलाई में अधिक छात्रों को पढ़ाई का मौका मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आईआईटी भिलाई के विस्तार के संबंध में की गई घोषणा के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी का विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य की दिशा में एक और बड़ा कदम है।

 

उल्लखेनीय है कि केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा देश के पांच नए आईआईटी संस्थानों, जिनमें छत्तीसगढ़ का आईआईटी भिलाई भी शामिल है, की शैक्षणिक और आधारभूत संरचना का विस्तार करने की मंजूरी दी गई है। केंद्रीय केबिनेट के फैसले से आने वाले चार वर्षों में देशभर के 6,500 से अधिक छात्र प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाई का सपना पूरा कर सकेंगे। खास बात यह है कि आईआईटी भिलाई में अब और अधिक सीटें होंगी, जिससे छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों के युवाओं को भी लाभ मिलेगा। इस फैसले से आईआईटी भिलाई कैम्पस के अवसंरचना विस्तार के साथ-साथ न केवल छात्रों को लाभ मिलेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। शिक्षकों, कर्मचारियों और शोधकर्ताओं की भर्ती के साथ-साथ आस-पास के इलाकों में आवास, परिवहन और अन्य सेवाओं की मांग भी बढ़ेगी।

 

आईआईटी भिलाई पहले से ही अपने स्थायी परिसर में कार्य कर रहा है, लेकिन इस विस्तार के बाद यह संस्थान अब और भी अधिक छात्रों के लिए शिक्षा और नवाचार का केंद्र बनेगा।उल्लेखनीय है कि चार वर्षों में पूरे देश में छात्रों के लिए 13,687 सीटें उपलब्ध होंगी, जो अभी 7,111 हैं। इसका मतलब है कि 6,576 नई सीटों का इजाफा होगा। देश के जिन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में शैक्षणिक और अवसंरचना क्षमता के विस्तार की स्वीकृति दी गई है, इनमें भिलाई के साथ-साथ आंध्र प्रदेश (तिरुपति), जम्मू-कश्मीर (जम्मू), कर्नाटक (धारवाड़) और केरल (पालक्काड़) के आईआईटी शामिल हैं। केन्द्र सरकार ने इनके विस्तार के लिए 11,828.79 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है, जो साल 2025-26 से 2028-29 तक खर्च होगा। इसके अंतर्गत न केवल नई इमारतें और आधुनिक सुविधाएं बनाई जाएंगी, बल्कि 130 नए प्रोफेसर पदों का सृजन भी होगा, जिससे पढ़ाई और शोध का स्तर और मजबूत होगा। उद्योग अकादमिक संबंधों को मजबूत करने के लिए पांच नये अत्याधुनिक अनुसंधान पार्क भी बनाये जा रहे हैं।

𝐁𝐇𝐈𝐒𝐌 𝐏𝐀𝐓𝐄𝐋

𝐄𝐝𝐢𝐭𝐨𝐫 𝐇𝐈𝐍𝐃𝐁𝐇𝐀𝐑𝐀𝐓 𝐋𝐈𝐕𝐄 𝐍𝐞𝐰𝐬
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