छत्तीसगढ़

रबी मौसम में धान के बदले अन्य फसल बोने से किसानों को मिलेगा भरपूर लाभ मसूर, मूंगफली, उड़द, मूंग एवं मक्का का बीज निःशुल्क और गेहूं, चना, सरसों एवं मटर का बीज रियायती दर पर प्राप्त कर सकते हैं किसान..

किसानों का आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार का प्रयास निरंतर जारी है। इसी कड़ी में रबी मौसम में धान के बदले अन्य फसलों के उत्पादन के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। किसानों को निःशुल्क एवं रियायती दर पर विभिन्न फसलों के बीज सेवा सहकारी समिति-सोसायटी के माध्यम से वितरित किया जा रहा है। इसके साथ ही किसानों को उनके उपज का अच्छा दाम दिलाने के लिए कृषि उपज मंडी से थोक क्रेताओं का पंजीयन भी किया गया है। निःशुल्क और अनुदान पर बीज प्राप्त करने के लिए किसान अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, सहकारी समिति या विकासखण्ड एवं जिला स्थित कृषि विभाग के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।

कृषि विभाग की योजना के तहत किसानों को मसूर प्रति किलो 109 रूपए, मूंगफली प्रति किलो 108 रूपए, उड़द प्रति किलो 125 रूपए, मूंग प्रति किलो 115 रूपए एवं मक्का प्रति किलो 225 रूपए को निःशुल्क दिया जा रहा है। इसी तरह अनुदान के तहत 37 रूपए प्रति किलो मूल्य की गेहूं 21 रूपए में, 87 रूपए प्रति किलो मूल्य की चना 39 रूपए में, 78 रूपए प्रति किलो मूल्य की सरसों सामान्य किसानों को 36 रूपए में और वन पट्टाधारी किसानों को 10 रूपए में तथा 96 रूपए प्रति किलो मूल्य की मटर 48 रूपए में वितरित किया जा रहा है।

रबी मौसम में धान के बदले अन्य फसल बोने से लाभ

रबी मौसम में धान के बदले अन्य फसल बोने से किसानों को अनेक लाभ हैं जैसे- खेती की लागत में कमी, कम मजदूरों की आवश्यकता, कम पानी में अधिक रकबे की सिंचाई, रबी फसलों में कीट-बीमारी का कम लगना, दलहन एवं तिलहन फसलों से अच्छी कीमत मिलना। रबी मौसम में उगाये गए धान का मूल्य घटने की संभावना आदि को देखते हुए किसान इसका लाभ ले सकते हैं।

उप संचालक कृषि श्री सत्यजीत कंवर ने बताया कि विशेषज्ञों द्वारा आशंका जतायी जा रही है कि जीपीएम जिले में भूमिगत जल स्तर दिनों-दिन नीचे जा रहा है, पहले जिन कुंओं में वर्षभर पानी रहता था, अब उनमें सिर्फ बरसात में ही पानी रहता है, क्योंकि जमीन का जल स्तर नीचे जा रहा है। भू-जल स्तर नीचे जाने के मुख्य कारणों में से एक है गर्मी में धान की खेती करना। गर्मी में लगातार धान की खेती से कुछ ही सालों में बोरवेल सूख जाएंगे और पीने का पानी मिलना भी मुश्किल हो जाएगा। इसलिए किसानों की आय ब़ढ़ाने और गर्मी के मौसम में धान की फसल लेने से रोकने के लिए कृषि विभाग द्वारा निःशुल्क और अनुदान पर विभिन्न फसलों का बीज वितरण किया जा रहा है।

𝐁𝐇𝐈𝐒𝐌 𝐏𝐀𝐓𝐄𝐋

𝐄𝐝𝐢𝐭𝐨𝐫 𝐇𝐈𝐍𝐃𝐁𝐇𝐀𝐑𝐀𝐓 𝐋𝐈𝐕𝐄 𝐍𝐞𝐰𝐬
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