छत्तीसगढ़ मौसम अपडेट :
छत्तीसगढ़ में न्यूनतम पारा ठहर गया है। सरगुजा संभाग को छोड़कर अन्य जगहों पर तापमान में कमी नहीं हुई है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटों के बाद तापमान में दो से तीन डिग्री की वृद्धि हो सकती है। सरगुजा में न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट आ रही है।
नवंबर के महीने में पड़ रही सामान्य से ज्यादा ठंड की स्थिति अगले दो दिन ऐसे ही रहने के आसार हैं। बलरामपुर में न्यूनतम पारा 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। उत्तर छत्तीसगढ़ में शीतलहर जैसी स्थिति बनी हुई है। मैदानी इलाकों की बात करें तो दुर्ग का पारा गिर कर 11 डिग्री के करीब पहुंच गया। माना में 12 डिग्री न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। रायपुर में न्यूनतम तापमान 14.3 डिग्री सेल्सियस रहा।
ऐसा रहा प्रदेश का न्यूनतम तापमान
मौसम विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार नारायणपुर में न्यूनतम तापमान 9.3 डिग्री सेल्सियस, बस्तर में 12.8 डिग्री सेल्सियस, दंतेवाड़ा में 11.9 डिग्री सेल्सियस, बीजापुर में 13.3 डिग्री और सुकमा में 14.8 डिग्री दर्ज किया गया। सरगुजा में न्यूनतम तापमान 9.2 डिग्री, जशपुर में 12 डिग्री, पेंड्रा में 9.6 डिग्री व कोरिया में 9.9 डिग्री, महासमुंद में 12 डिग्री, राजनांदगांव में 13 डिग्री दर्ज किया गया। रायपुर में शुक्रवार को आकाश मुख्यतः साफ रहने की संभावना है। अधिकतम तापमान 29 डिग्री और न्यूनतम तापमान 14 डिग्री के आस-पास रह सकता है।
मध्य छत्तीसगढ़ में उतार-चढ़ाव
सरगुजा में अगले 24 घंटे तक ठंड और बढ़ने का अनुमान है। वहीं मध्य क्षेत्र में रात के तापमान में मामूली रूप से उतार-चढ़ाव की स्थिति रहने की संभावना है। बस्तर और उससे लगे जिलों में न्यूनतम पारा में बढ़ोतरी होने की संभावना बन रही है। हालांकि, अभी राज्य के किसी भी शहर में दिन और रात का तापमान सामान्य से अधिक वाली स्थिति में नहीं है।
कृषि पर भी ठंड का प्रभाव
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, प्रदेश में शीतलहर की स्थिति तो नहीं है, लेकिन किसानों को ठंड के इस मौसम में सतर्क रहना जरूरी है। सरगुजा क्षेत्र को छोड़कर अन्य हिस्सों में शीतलहर का असर नहीं है, लेकिन ठंड के कारण फसलों को पाला लगने का खतरा बढ़ सकता है, जो उनकी उत्पादकता पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है। किसानों को अपनी फसलों को शीतलहर से बचाने के उपायों पर ध्यान देना चाहिए।
बिलासपुर मौसम अपडेट : बिलासपुर में बढ़ने लगी ठंड है…”गुरु” पारा 13 डिग्री सेल्सियस, सीजन की सबसे सर्द रात
ठंड का असर दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। बिलासपुर में बुधवार की रात सीजन का सबसे सर्द रात रही। न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
शीतलहर जैसी स्थिति रही। सर्दी के कारण लोग शाम को घर से बाहर निकलने बचते रहे। ज्यादातर लोग गर्म कपड़ों में नजर आए। खेल मैदानों में भी सुबह उपस्थिति कम हो गई है। सूर्योदय के बाद ही जमावड़ा दिखता है।
मौसम वेधशाला
मौसम वेधशाला के मौसम विज्ञानी डा.एचपी चंद्रा के मुताबिक एक गहरा अवदाब दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर स्थित है, लगातार उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसके और अधिक प्रबल होकर साइक्लोनिक स्टार्म (चक्रवात फेंगल) के रूप में अगले 12 घंटे में बनने की संभावना है।
उसके बाद इसके लगातार उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए, श्रीलंका तट को छुते हुए तमिलनाडु तट के पास पहुंचने की संभावना है। एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पूर्व ईरान और उसके आसपास 3.1 किलोमीटर से 4.5 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है।
न्यूनतम तापमान में लगातार वृद्धि होने की संभावना
प्रदेश के दक्षिणी भाग में वातावरण के मध्य स्तर पर नमी की आगमन के कारण हल्के बादल छाए हुए हैं तथा न्यूनतम तापमान में लगातार वृद्धि होने की संभावना है। प्रदेश के उत्तरी भाग में न्यूनतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन होने की संभावना है।
मौसम शुष्क रहने की संभावना है। सरगुजा संभाग में पड़ रही कड़ाके की ठंड के चलते बिलासपुर संभाग में भी असर महसूस हो रहा है। यहां न्यूनतम तापमान एक सप्ताह से 15 डिग्री सेल्सियस के भीतर बना हुआ है।
29 से छाएंगे आसमान में बादल
मौसम विज्ञानियों का यह भी कहना है कि दक्षिण छत्तीसगढ के जिलों में 29 से बादल छाने की संभावना है । प्रदेश में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में वृद्धि का अनुमान है। ऐसे में बिलासपुर में भी इसका असर हो सकता है। हालांकि इसकी संभावना कम है। ठंड का आलम यह है कि यदि स्थिति ऐसी ही रही तो न्यूनतम तापमान एक नया रिकार्ड बना सकता है।
एक सप्ताह में न्यूनतम तापमान
- 27 नवंबर 13
- 26 नवंबर 13.4
- 25 नवंबर 14.4
- 24 नवंबर 13.4
- 25 नवंबर 14.4
- 24 नवंबर 14.4
- 23 नवंबर 13.2
कड़ाके की ठंड से बचने लेने लगे अलाव का सहारा
ठंड ने नगर पंचायत पाली समेत आसपास गांव में अपना असर दिखने लगा है। यहां कड़ाके की ठंड शुरू हो चुकी है। उत्तर दिशा की ओर से ठंडी हवाएं का प्रवेश हो रहा है ऐसे में मार्निंग वाक करने वाले लोगों की संख्या में कमी देखी जा रही है। इस ठंड से बचने के लिए दुकानदार आग ताप रहे हैं।