छत्तीसगढ़

किसानों के लंबित केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) एक माह में तैयार करें-कलेक्टर श्री भीम सिंह..

बैंक तथा शासकीय अधिकारियों को किसानों और आम नागरिकों के विकास के लिये समर्पित होकर कार्य करने के निर्देश

रायगढ़, 27 अक्टूबर 2020/ कलेक्टर श्री भीम सिंह की अध्यक्षता में आज कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में जिले के सभी बैंकों के अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर श्री सिंह ने बैंक अधिकारियों को संबोधित करते हुये कहा कि आगामी एक माह में किसानों, पशुपालकों, मछली एवं मुर्गीपालन तथा हार्टिकल्चर व्यवसायियों के लंबित केसीसी प्रकरणों को स्वीकृत करें। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा किसानों की समृद्धि के लिये बहुत सी योजनायें प्रारंभ की गई है अत: शासकीय विभागों की ओर से भेजे गये प्र्रस्तावों को स्वीकृत करें जिससे जिले के किसान और पशुपालक अधिक से अधिक शासकीय योजनाओं का लाभ उठा सके। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि अब किसान केवल पारंपरिक खेती पर निर्भर नहीं है वह पशुपालन, बकरी पालन, मुर्गीपालन तथा मछली उत्पादन का कार्य कर रहा है, इससे दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हो रही है। किसान सब्जी उत्पादन कर रहा है इसलिये ऋण की अदायगी के लिये बैंक को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है जिले के किसान और पशुपालक गोबर की भी बिक्री कर रहे हैं जिससे उन्हें नियमित आय प्राप्त हो रही है। कलेक्टर श्री सिंह ने मत्स्य, पशु चिकित्सा एवं हार्टिकल्चर विभाग द्वारा केसीसी के लिये प्रस्तुत प्रकरणों की समीक्षा की और जिन बैंकों के द्वारा कम मात्रा में केसीसी स्वीकृत किये गये है या छोटी-छोटी त्रुटियां बताकर लौटा दिये गये है उनका पुन: परीक्षण कर स्वीकृत करने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी बैंक अधिकारियों को जिले के अलग-अलग क्षेत्रों के गोठानों का निरीक्षण करने और शासन द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी प्राप्त करने को कहा।
कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि जिले के 2 लाख 20 हजार पंजीकृत किसानों में से केवल 1 लाख 16 हजार किसानों का ही केसीसी बना है यह संख्या बढऩा चाहिये। उन्होंने हार्टिकल्चर और मछली पालन विभाग के अधिकारियों को निर्धारित लक्ष्य के अनुसार केसीसी प्रकरण तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। कलेक्टर श्री सिंह ने सहकारी बैंक के प्रभारी को निर्देशित किया कि किसानों के विकास में सहकारी बैंक की प्रमुख भूमिका होती है अत: उप पंजीयक सहकारी समिति एवं सहकारी बैंक के अधिकारी समन्वय से किसानों के हित में कार्य करें।

कलेक्टर श्री सिंह ने जिला उद्योग केन्द्र, खादी एवं ग्रामोद्योग, अंत्यावसायी विभाग द्वारा विभिन्न बैंकों को भेजे गये ऋण प्रस्तावों के लंबित प्रकरणों की भी समीक्षा की। उन्होंने बैंक अधिकारियों को निर्देशित किया कि छोटे-छोटे व्यवसाय के लिये ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में रोजगार के लिये प्राप्त आवेदनों पर लोन प्रस्ताव तैयार कर बैंक को प्रेषित किये जाते है इन प्रस्तावों में कमी बताकर लौटाना ठीक नहीं है। विभागीय अधिकारी और बैंक अधिकारियों को एक साथ बैठकर इन कमियों को दूर करना चाहिये और संबंधित व्यक्तियों के रोजगार का अवलोकन कर ऋण स्वीकृत करना चाहिये। अंत्यावसायी प्रकरण में निर्धन और कमजोर वर्ग के लोगों को ऋण प्रस्ताव तैयार किये जाते है जिससे कमजोर वर्ग के व्यक्ति भी शासकीय सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर स्वरोजगार प्रारंभ कर सकता है। ऐसे प्रकरणों को भी प्राथमिकता से स्वीकृत किया जाना चाहिये।

कलेक्टर श्री सिंह ने लीड बैंक (एसबीआई)प्रबंधक को निर्देशित किया कि वे सभी बैकों में भेजे गये प्रस्तावों की समीक्षा करते रहे और अलग-अलग बैंकों से संपर्क कर ऋण प्रस्तावों के त्रुटियों के निराकरण के लिये सकारात्मक प्रयास कर अधिक से अधिक व्यक्तियों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाये। कलेक्टर श्री सिंह ने महिला स्व-सहायता समूह का नया बैंक खाता खोलते समय केवल समूह के बारे में ही जानकारी प्राप्त करने को कहा। बैंक अनावश्यक रूप से व्यक्तिगत जानकारी न प्राप्त करें। उन्होंने यह भी कहा कि चाहे शासकीय विभाग के अधिकारी हो अथवा बैंक के अधिकारी सभी आम नागरिकों के विकास के लिये समर्पित होकर कार्य करें। बैठक में लीड बैंक प्रबंधक ने बैंक में कुल वितरित ऋण और रिकवरी का ब्यौरा भी प्रस्तुत किया।

बैठक में सीईओ जिला पंचायत सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी, कृषि, मत्स्य पालन, हार्टिक्लचर, उद्योग, पशु चिकित्सा विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी, उप पंजीयक सहकारी समिति और लीड बैंक एसबीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक सहित सभी बैंकों के अधिकारी उपस्थित थे।
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