छत्तीसगढ़

बिलासपुर : कलेक्टर ने मैराथन बैठक लेकर की फ्लैगशीप योजनाओं की समीक्षा, ग्रामीणों और किसानों की समस्याओं का हो तत्काल समाधान, सोसायटियों में न हो खाद-बीज की कमी – कलेक्टर

बिलासपुर 17 मई 2022: कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने आज राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना और मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के संबंध में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मैराथन बैठक लेकर जमीनी स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ली। कलेक्टर ने कहा कि हर गौठान में गोबर की खरीदी होनी चाहिए और हर टांके में वर्मी खाद का निर्माण होना चाहिए। किसानों एवं पशुपालकों की अतिरिक्त आमदनी का यह बढ़िया जरिया साबित हुआ है। गोधन न्याय योजना को राज्य शासन की फ्लैगशीप योजना बताते हुए कहा कि योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन सतर्कता से करें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि योजना के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने ग्रामीणों और किसानों की समस्या का तत्काल समाधान करने के निर्देश दिए।

प्रार्थना भवन में आयोजित बैठक में कलेक्टर डॉ. मित्तर ने गौठानों में वर्तमान में संग्रहित वर्मी कम्पोस्ट के उठाव में प्रगति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी 300 गौठानों में गोबर खरीदी शुरू करवाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इसी प्रकार गोधन न्याय योजना के नोडल अधिकारियों को गोबर की व्यवस्थित खरीदी करने कहा। बैठक में बताया गया कि अब तक 1 लाख 83 हजार 323 क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। जिसमें से 53 हजार 814 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया गया है। वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन 71 प्रतिशत है। कलेक्टर डॉ. मित्तर ने स्पष्ट कहा कि गोबर खरीदी को लेकर किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जितने भी गौठान संचालित हो रहे है, वहां छाया, चारा, पानी की व्यवस्था अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। कलेक्टर ने वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री की भी जानकारी ली और कहा कि गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट बनाने का कार्य पूर्ण गति से होना चाहिए। किसी भी गौठान में वर्मी टांका खाली नहीं रहना चाहिए। कलेक्टर ने आरईओ, गौठान के नोडल अधिकारी एवं समिति प्रबंधकों से एक-एक गौठान में गोबर उत्पादन एवं उठाव एवं बिक्री की जानकारी विस्तार से लेते हुए इसमें प्रगति लाने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना की समीक्षा करते हुए धान के बदले अन्य फसल लेेने के लिए अधिक से अधिक किसानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि खरीफ सीजन 2022-23 में धान के बदले अन्य फसल लेने का लक्ष्य 42 हजार 805 हेक्टेयर है। कलेक्टर ने लक्ष्य की पूर्ति के लिए किसानों से संपर्क कर योजना के संबंध में जानकारी देने कहा। योजना के तहत वर्तमान प्रगति पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। सभी आरईओ को अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर प्रगति लाने के निर्देश दिए। धान के अलावा अन्य फसलों पर किसान ध्यान दें, इसके लिए सहकारी बैंकों से दिए जाने वाले ऋण की सीमा बढ़ा दी गई है। उन्होंने अगले सीजन के लिए अभी से किसानों को तैयार करने कहा। अगले एक सप्ताह के भीतर धान के बदले अन्य फसल का रकबा 5 हजार हेक्टेयर तक करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस योजना का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने कहा। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना की समीक्षा करते हुए इसके लिए किसानों को प्रेरित करने के निर्देश दिए। उप संचालक कृषि ने बताया कि जिले के लिए इस वर्ष 100 एकड़ का लक्ष्य प्रस्तावित है। उन्होंने वर्तमान में किसानों से ली गई सहमति को नाकाफी बताते हुए प्रगति लाने के निर्दश दिए।

कलेक्टर ने उप संचालक कृषि को निर्देश दिए कि आगामी खरीफ सीजन में खाद, बीज की किसी प्रकार की समस्या न आए। यह अभी से सुनिश्चित किया जाए कि खाद, बीज की उपलब्धता बनी रहें। कलेक्टर ने ई-केवाईसी की प्रगति की भी समीक्षा की। उप संचालक कृषि ने बताया कि 1 लाख 66 हजार 339 लक्ष्य के विरूद्ध 79 हजार 716 ई-केवाईसी पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने ई-केवाईसी में प्रगति लाने के निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हरीस एस, नगर निगम आयुक्त श्री अजय त्रिपाठी, संयुक्त संचालक कृषि श्री मनोज चौहान, उप संचालक कृषि, सहकारी बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, आरईओ, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, सहकारी बैंक के प्रबंधक सहित अन्य लोग मौजूद थे।

𝐁𝐇𝐈𝐒𝐌 𝐏𝐀𝐓𝐄𝐋

𝐄𝐝𝐢𝐭𝐨𝐫 𝐚𝐭 𝐇𝐈𝐍𝐃𝐁𝐇𝐀𝐑𝐀𝐓 𝐋𝐢𝐯𝐞 ❤
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