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छत्‍तीसगढ़ में बारिश का सिलसिला जारी, दो दिनों तक ऐसा ही रहेगा मौसम, यलो अलर्ट जारी..

CG Weather Update: छत्‍तीसगढ़ में मौसम ने ऐसी करवट बदली कि सभी जगह हलचल मच गई। गर्मी के दिनों में छत्‍तीसगढ़ बारिश की बौछार से तरबतर हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार बारिश का सोमवार और मंगलवार दोनों ही दिन प्रभावी रहने की संभावना जताई जा रही है। इस दौरान प्रदेश के सभी जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। जिसमें सभी जिलों के एक से दो स्थानों पर बारिश होने के साथ ही अंधड़ चलने की संभावना जताई जा रही है।

गर्मी के सीजन में मानसून सा नजारा

इस वर्ष का अप्रैल माहभर का तापमान पिछले वर्षों की तुलना में मानसून जैसा ही रहा। जहां वैशाख मास यानी कि अप्रैल में तेज धूप के साथ लू चलने लगती है, लेकिन इस बार मौसम का मिजाज काफी बदला हुआ है। गर्मी के सीजन में ही मानसून सा नजारा देखने मिल रहा है। रविवार को भी दिन भर धूप नहीं निकली और सुबह से ही तेज हवाओं ने लोगों को ठंडक पहुंचाई।

आसमान पर काली घटाएं घिर आई और इसके बाद बादलों की गडगड़हाट के साथ झमाझम वर्षा होने लगी। रायपुर सहित आस-पास के क्षेत्र में आधे घंटे तक घुमड़-घुमड़ कर वर्षा होती रही। कई इलाकों में हुई तेज बारिश का पानी सड़कों पर भी भरा रहा। मौसम विभाग के अनुसार रविवार की शाम से रात तक 21.7 मिलीमीटर वर्षा रायपुर में दर्ज की गई।

वहीं, मार्च, अप्रैल के दौरान एक इंच से ज्यादा वर्षा हो चुकी है। रायपुर सहित प्रदेश में दो मई तक इसी तरह वर्षा होने की संभावना है। रविवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 25 डिग्री और न्यूनतम तापमान भी लुड़क गया, जो कि 20.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम पारा सामान्य से 16 डिग्री कम रहा।

तीन मई के बाद थोड़ा बदल सकता है मौसम

मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अरब सागर में चक्रवाती सर्कुलेश बना हुआ है। जहां से लेकर दक्षिणी छत्तीसगढ़ तक एक ट्रफ लाइन है। एक द्रोणिका विदर्भ से तमिलनाडु तक स्थित है। उसके प्रभाव की वजह से प्रदेश में वर्षा हो रही है, दो मई तक रायपुर सहित सभी संभाग के जिलों में गरज-चमक के साथ वर्षा जारी रहने की संभावना है। इसके बाद तीन मई के बाद मौसम धूप, बादल और वर्षा होने की संभावना है। बहरहाल मौसम में बदलाव के चलते गर्मी का असर बेहद कम हो गया है।

इन जिलों में आरेंज अलर्ट

रायगढ़, रायपुर, गरियाबंद, धमतरी, दुर्ग, राजनांदगांव, बस्तर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा, कांकेर, बीजापुर, नारायणपुर एवं इनसे लगे आसपास के जिलों के लिए आरेंज अलर्ट।

इन जिलों के लिए यलो अलर्ट

बिलासपुर, मुंगेली, दुर्ग, बालोद, बेमेतरा, कबीरधाम, बस्तर, सुकमा सहित इनके आसपास लगे हुए जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है।

गर्मी की लहर ने मानसून पूर्व के झुलसाने वाले पूर्वानुमानों को झुठलाया, अगले 10 दिनों के लिए स्थगित

इस प्री-मानसून सीजन में भीषण गर्मी को लेकर अलर्ट जारी किया गया था। मार्च 2023 से शुरू होकर मौसम के अंत तक देश में लंबे समय तक और लगातार बढ़ती गर्मी की भविष्यवाणी की गई थी। गुजरात और राजस्थान जैसे कुछ हिस्सों में मार्च के दूसरे पखवाड़े में गर्म स्थितियां बनीं, लेकिन बड़े हिस्से लंबे समय तक कठोर परिस्थितियों से रहित रहे।

अप्रैल का महीना प्री-मानसून की आग की सही भावना को समझे बिना काफी हल्के ढंग से बीत गया है। अप्रैल की दूसरी छमाही निष्क्रिय रही और महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और ओडिशा की जलती हुई भूमि के मूर्त भागों में और भी अधिक। राष्ट्रीय राजधानी में पिछले साल नौ दिनों की तुलना में महीने के दौरान कोई गर्मी की लहर दर्ज नहीं की गई। औसत मासिक तापमान 36.5 डिग्री के मासिक सामान्य के मुकाबले 35.3 डिग्री दर्ज किया गया, जो 1.2 डिग्री की महत्वपूर्ण गिरावट है। पिछले 2 दिन यानी 29 और 30 अप्रैल को किसी भी स्टेशन पर तापमान 40 डिग्री रिकॉर्ड नहीं किया गया है. अप्रैल के अंतिम दिनों में छोटे इलाकों में भी गर्मी से बचना असामान्य है। 29 अप्रैल को पानागढ़ और चांदबली में उच्चतम तापमान 38.8 डिग्री और 30 अप्रैल 2023 को भुवनेश्वर में 39.6 डिग्री से अधिक तापमान था।

कई मौसम प्रणालियां प्रभावित हो रही हैं, अधिकांश हिस्सों में एक साथ मौसम की गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। यह प्री-मानसून पैटर्न के विपरीत है और अधिक संभावना सामान्य मानसून दिनों जैसा दिखता है। देश के बड़े हिस्से, पूर्वोत्तर भारत के बाहर, केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में मार्च और अप्रैल के महीने में एक साथ सामान्य से अधिक बारिश हुई है। अभी तक, 01 मार्च से 30 अप्रैल के बीच मौसमी वर्षा दीर्घावधि औसत के 14% से अधिक है।

देश के कई हिस्सों में अगले 10 दिनों तक सक्रिय प्री-मानसून की स्थिति बनी रहेगी। शुरुआत में मध्य और पूर्वी हिस्सों से एक सप्ताह के बाद इसके कम होने की संभावना है। आज और कल उत्तर भारत और तमिलनाडु, दक्षिण कर्नाटक और केरल को कवर करने वाले चरम दक्षिण प्रायद्वीप में भारी बारिश की संभावना है। इस व्यापक प्री-मानसून गतिविधि को देखते हुए 10 मई तक पूरे देश से लू का प्रकोप कम रहेगा।

𝐁𝐇𝐈𝐒𝐌 𝐏𝐀𝐓𝐄𝐋

𝐄𝐝𝐢𝐭𝐨𝐫 𝐚𝐭 𝐇𝐈𝐍𝐃𝐁𝐇𝐀𝐑𝐀𝐓 𝐋𝐢𝐯𝐞 ❤
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