छत्तीसगढ़

रायगढ़ : नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपियों को एट्रोसिटी व पास्को एक्ट की धाराओं में फास्ट ट्रेक कोर्ट दी गई कठोर सजा….

गैंगरेप, पोक्सो एक्ट में आरोपियों को जीवन पर्यन्त रहना होगा जेल की कैद में....

रायगढ़ । दिनांक 17.01.2022 को रायगढ़ फास्ट ट्रेक कोर्ट के न्यायाधीश श्रीमती पल्लवी तिवारी द्वारा नाबालिग से दुष्कर्म के दो आरोपी चंद्रकांत निषाद उर्फ बाबू एवं परमेश्वर सारथी उर्फ कुणाल को सामुहिक बलात्कार, पोक्सो एक्ट, एक्ट्रोसिटी की धाराओं में दोषी पाते हुए अर्थदंड के साथ आजीवन कारावास सजा सुनाते हुए पारित आदेश में आजावीन कारावास का अभिप्राय शेष प्राकृत जीवन काल होगा उल्लेख किया गया है अर्थात आरोपियों को जीवन पर्यंत जेल में कैद रहेंगे । थाना कोतवाली रायगढ़ के मामले की विवेचना तत्कालिक नगर पुलिस अधीक्षक अविनाश सिंह ठाकुर द्वारा की गई है जिसमें माननीय न्यायालय में अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्री मनमोहन सिंह ठाकुर द्वारा पैरवी की गई है।

थाना कोतवाली के अपराध क्रमांक 172/2019 धारा 363 भादवि के अपराध में नाबालिग बालिका को आरोपी चंद्रकांत निषाद उर्फ बाबू पिता लक्ष्मी प्रसाद निषाद उम्र 21 वर्ष निवासी इंदिरा नगर वार्ड क्रमांक 8 एवं परमेश्वर सारथी उर्फ कुणाल पिता समीर सारथी उम्र 22 वर्ष निवासी जोगीडीपा वार्ड क्रमांक 11 थाना कोतवाली रायगढ़ द्वारा दिनांक 3 2019 की शाम बालिका को विधिपूर्ण संक्षरक की सहमति बिना बहला-फुसलाकर भगाकर झाड़सुगुड़ा और उसके बाद राऊलकेला (उड़ीसा) ले जाकर आरोपीगण द्वारा उसका शारीरिक संभोग (सामूहिक बलात्कार) कार्य किए । प्रकरण में बालिका की दस्तयाबी, मेडिकल , चाइल्ड लाइन से कथन उपरांत प्रकरण में धारा 366, 506(B), 376 (घ) (क) एवं लैंगिक अपराधों में बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 विस्तारित की गई है । मामले की प्रारंभिक विवेचना तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक डीके मारकंडे द्वारा की गई । प्रकरण में बालिका का जाति प्रमाण पत्र संलग्न कर अनुसूचित जाति जन जाति अत्याचार अधिनियम की धारा 3(2)V विस्तारित किए जाने पर तत्कालिक नगर पुलिस अधीक्षक श्री अविनाश सिंह ठाकुर द्वारा प्रकरण की विवेचना पूर्ण कर आरोपियों के विरूद्ध धारा 363, 366, 506(B), 376 (घ) (क) भादवि एवं 6 पोस्को एक्ट के तहत चालान न्यायालय पेश कराया गया । पुलिस द्वारा आरोपियों के विरूद्ध संकलित साक्ष्य माननीय न्यायालय में आरोपियो को कड़ी सजा दिलाने अहम साबित हुई । माननीय न्यायाधीश द्वारा अभियोजन की ओर से पेश किये गये साक्ष्यों, दलिलों पर सभी धाराओं में दोषी करार दिया गया है । पारित आदेश अनुसार आरोपियों को धारा 363 भादवि में 7 साल सजा 5 हजार रूपये का अर्थदंड, 366 भादवि में 10 साल सजा 7 हजार रूपये का अर्थदंड, 376 (घ) (क) भादवि में आजीवन कारावास जिसका अभिप्राय शेष प्राकृत जीवन काल के लिए होगा एवं 25 हजार रूपये का अर्थदंड, धारा 506(B) भादवि में 3 साल सजा 2 हजार रूपये का अर्थदंड, 6 POCSO Act में आजीवन कारावास जिसका अभिप्राय शेष प्राकृत जीवन काल के लिए होगा एवं 25 हजार रूपये का अर्थदंड, 3(2)V एट्रोसिटी एक्ट में आजीवन कारावास एवं 25 हजार रूपये का अर्थदंड के दंड से दंडित किया गया है ।

𝐁𝐇𝐈𝐒𝐌 𝐏𝐀𝐓𝐄𝐋

𝐄𝐝𝐢𝐭𝐨𝐫 𝐚𝐭 𝐇𝐈𝐍𝐃𝐁𝐇𝐀𝐑𝐀𝐓 𝐋𝐢𝐯𝐞 ❤
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