छत्तीसगढ़

अण्डा उत्पादन ईकाई में मुर्गियों की मृत्यु पर चिकित्सकों के दल द्वारा की गई जांच मुर्गियों का पोस्टमार्टम कर नमूना जांच हेतु भेजा गया रायपुर

कोण्डागांव, 02 दिसम्बर 2021 विगत दिनों अण्डा उत्पादन ईकाई में मुर्गियों की मृत्यु के संबंध में जानकारी प्राप्त होते ही उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं शिशिरकांत पाण्डे के निर्देश पर पशु चिकित्सकों के दल द्वारा कुकाड़गारकापाल स्थित अण्डा उत्पादन ईकाईयों का निरीक्षण किया गया। जहां चिकित्सकों द्वारा मृत मुर्गियों की जांच करते हुए अन्य सभी जीवित मुर्गियों की भी स्वास्थ्य जांच की गई है। जिसमें पशु चिकित्सा अधिकारियों द्वारा बताया गया कि प्रथम दृष्ट्या बायोसेक्युरिटी मापदंडों के पालन में कमी के साथ-साथ समूह द्वारा दाने की कमी बतायी गयी एवं पशुचिकित्सकों द्वारा मृत पक्षी का पोस्ट मार्टम करने पर वायरल बीमारी की आशंका को देखते हुए सैंपल एकत्रित कर जांच हेतु राज्य स्तरीय रोग अन्वेषणशाला रायपुर भेजा गया है, रिपोर्ट आने पर ही कारणों को स्पष्ट किया जा सकेगा। इस संबंध में कृषि विज्ञान केन्द्र के डॉ हितेश मिश्रा द्वारा मत देते हुए बताया गया कि मुर्गियां मौसम के बदलाव एवं ठण्ड के प्रति संवेदनशील होती है, मानक टीकाकरण से संक्रामक बीमारियों को रोका जा सकता है, मृत मुर्गियों का नमूना जांच हेतु भेजा जा चुका है। जिससे स्थिति जल्द स्पष्ट हो जाएगी।

इस संबंध में जानकारी प्राप्त होते ही राष्ट्रीय आजीविका मिशन की ओर से जिला मिशन प्रबंधक विनय सिंह, जिला कार्यक्रम प्रबंधक (आजीविका) अखिलेश सलाम, विकासखण्ड प्रबंधक, यंग प्रोफेशनल की टीम भी मौके पर पहुंची। जहां दल द्वारा समितियों के सदस्यों से चर्चा कर व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली गई। इस संबंध में जिला मिशन समन्वयक ने बताया कि अण्डा उत्पादन ईकाई में तीन स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालन किया जा रहा है। जिसमें मां दंतेश्वरी स्व-सहायता समूह, जय मां बम्लेश्वरी स्व-सहायता समूह एवं शीतला स्व-सहायता समूह कार्यरत् हैं। जिसमें दो समूहों में मुर्गियों के मृत्यु दर 1.93 एवं 3.35 रही है, वहीं तीसरी शीतला स्व-सहायता समूह में मृत्यु दर 7.22 रही है। शीतला समूह के मुर्गियों की ही वर्तमान में मृत्यु हुई है। इस संबंध में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर समूह की महिलाओं द्वारा निरीक्षण के दौरान स्वच्छता के संबंध में शीतला समूह को निर्देश देते हुए प्रति तीन दिन में सफाई के निर्देश दिये गये थे। परंतु समूह द्वारा अरूचि दिखाते हुए पांच दिनों में सफाई कार्य किया जाता है। जिसके संबंध में समूह को चेतावनी भी दी गई है। उत्पादन ईकाई में किसी प्रकार के वायरस के होने की आशंका को दरकिनार करते हुए उन्होंने बताया कि कुकाड़गारकापाल में तीन यूनिटों में मुर्गीपालन किया जा रहा है। यदि किसी प्रकार की बीमारी या दानों की कमी होती तो तीनों यूनिटों की मुर्गियां प्रभावित होती। जबकि वर्तमान में एक यूनिट के एक किनारे पर स्थित कुछ मुर्गियों की ही मृत्यु हुई है। इसके कारणों की जांच पशु चिकित्सा विभाग द्वारा की जा रही है। जांच उपरांत रिपोर्ट अनुसार कार्यवाही की जायेगी।

𝐁𝐇𝐈𝐒𝐌 𝐏𝐀𝐓𝐄𝐋

𝐄𝐝𝐢𝐭𝐨𝐫 𝐚𝐭 𝐇𝐈𝐍𝐃𝐁𝐇𝐀𝐑𝐀𝐓 𝐋𝐢𝐯𝐞 ❤
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