
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर राज्य की भूपेश सरकार और केंद्र की मोदी सरकार के बीच आरोप प्रत्यारोप की राजनीति जारी है. छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को धान का मूल्य 2500 रुपया प्रति क्विंटल देने का दावा कर रही है.इसके लिए उसने राजीव गांधी किसान न्याय योजना चला रखी है, जिसमें किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार देने की व्यवस्था है.
केंद्र से पूछकर दाम तय नहीं किया, अब मदद क्यों चाहिएः रमन
अब सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह भूपेश सरकार से पूछ रहे हैं कि क्या केंद्र सरकार से पूछकर धान का दाम प्रति क्विंटल 2500 रुपया देने की घोषणा उनकी ओर से की गई थी? जब घोषणा करने से पहले मशविरा नहीं किया तो अब कांग्रेस सरकार केंद्र सरकार की मदद क्यों चाहती है? डॉ. रमन सिंह ने कहा, ”प्रदेश सरकार ने 2500रुपए में धान खरीदने की घोषणा केंद्र सरकार से तो पूछकर की नहीं थी. अब समर्थन मूल्य के अलावा किसानों को जो राशि प्रदेश सरकार दे रही है, वह योजना भी केंद्र सरकार से पूछकर नहीं बनाई थी. बोनस संबंधी केंद्र सरकार की नीति के बारे में इनको पहले से पता था. इसके बावजूद राज्य सरकार केंद्र के खिलाफ बयानबाजी कर रही है. ऐसे बयानों से केंद्र की नीतियां नहीं बदला करतीं.”
हम धान खरीद रहे, केंद्र अड़ंगा न लगाएः मंत्री मोहम्मद अकबर
मोहम्मद अकबर ने कहा, ”हम हर हाल में किसानों को 2500 रुपए प्रति क्विंटल का मूल्य देंगे. कांग्रेस तो इसे स्वीकार कर रही है. पिछले साल समर्थन मूल्य पर 1815 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी हुई. शेष 685 रुपए की राशि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिए दी गई. राज्य सरकार अपने बूते ही धान खरीद रही है, अब केंद्र सरकार इसमें ऐसे अड़ंगे न लगाए.”
वादा तुम्हारा है, पूरा भी तुम्हीं करोगे: रमन
उन्होंने कहा, ”वादा तुम्हारा था तो निभाना भी तुम्हें पड़ेगा. अथक मेहनत से उपजा धान क्या यूं ही सड़ेगा? न बहाना चलेगा न कोई चालाकी काम आएगी. ₹2500 क्विंटल का वादा अब तुम्हें निभाना पड़ेगा. अन्नदाताओं से जो छल कपट किया है तुमने अब उसका फल भी तुम्हें ही भुगतना पड़ेगा. केंद्र सरकार अपनी ओर से यथासंभव इसमें सहयोग करेगी. आज तक छत्तीसगढ़ के किसानों को पिछले वर्ष के धान का पूरा भुगतान नहीं मिला है. यह आरोप मैंने विधानसभा में लगाया था और अभी भी अपनी उस बात पर कायम हूं.’लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए बेल 🔔 आइकन को दबाये