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मौसम अपडेट : लौटते मानसून से छत्तीसगढ़ में हुई अच्छी वर्षा, प्रदेश में सामान्य से 11 प्रतिशत अधिक वर्षा, टाइफून के असर से मानसून की वापसी में हो सकती है देरी..

मौसम अपडेट : जाते-जाते भी मानसून अच्छी वर्षा देकर जा रहा है। बुधवार दोपहर को अचानक मौसम का मिजाज बदला और रायपुर सहित प्रदेश के विभिन्ना क्षेत्रों में जमकर वर्षा हुई। इसके चलते मौसम भी ठंडकता आ गई। मौसम विभाग का कहना है कि अब मानसून की विदाई के लिए स्थितियां अनुकुल हो गई है और अगले दो दिनों में राजस्थान व उससे लगे क्षेत्रों में मानसून की विदाई संभव है।

गुरुवार को प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा होने के आसार है। प्रदेश में एक जून से लेकर 28 सिंतबर तक 1255 मिमी वर्षा हुई है,जो सामान्य से 11 प्रतिशत अधिक है। बीजापुर में सर्वाधिक 2510.7 मिमी वर्षा हुई है और सरगुजा में सबसे कम 627.2 मिमी वर्षा हुई है। रायपुर में 859.8 मिमी वर्षा हुई है।

बुधवार को रायपुर सहित प्रदेश भर में सुबह से मौसम सामान्य रहा और आंशिक बादल छाए रहे। दोपहर को अचानक मौसम का मिजाज बदला और रायपुर सहित विभिन्ना क्षेत्रों में वर्षा हुई। वर्षा के चलते मौसम में ठंडकता रही और अधिकतम तापमान में भी गिरावट दर्ज किया गया। रायपुर का अधिकतम तापमान 30.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया,जो सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस कम है।

इसी प्रकार न्यूनतम तापमान 24.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक है। प्रदेश भर में कृषि विज्ञान केंद्र दंतेवाड़ा सर्वाधिक गर्म रहा और यहां का अधिकतम तापमान 33.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया कि ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी- तटीय आंध्रप्रदेश के ऊपर स्थित है। इसके प्रभाव से गुरुवार को प्रदेश के विभिन्ना क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। मानसून की विदाई का क्षेत्र आगे बढ़ने के लिए अब स्थितियां अनुकुल हो गई है।

टाइफून के असर से मानसून की वापसी में हो सकती है देरी

टाइफून नोरू 30 सितंबर को उत्तरी म्यांमार के ऊपर अराकान तट और मार्तबान की खाड़ी के पास पहुंचने पर निम्न दबाव के क्षेत्र में और कमजोर हो जाएगा। तूफान के अवशेष 01 अक्टूबर को बंगाल की पूर्वी और पूर्वोत्तर खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में उभरेंगे। पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी पर पहले से मौजूद परिसंचरण कम हो जाएगा और एक व्यापक परिसंचरण बंगाल के पूर्व, मध्य और उत्तर-पश्चिम की खाड़ी के बड़े हिस्से को कवर करेगा। एक कम दबाव का क्षेत्र बनने और 04 अक्टूबर को अंतर्देशीय स्थानांतरित होने की संभावना है।

यह मौसम प्रणाली ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात में बारिश को गहराई तक ले जाएगी। कम दबाव के फिर से बनने और पूर्वी राजस्थान, उत्तरी मध्य प्रदेश, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश की पट्टी के विस्तार की संभावना है। इस प्रणाली से जुड़ी मौसम गतिविधि 02 अक्टूबर को पूर्वी भागों से शुरू होगी और 04 से 09 अक्टूबर के बीच देश के मध्य और उत्तरी भागों को कवर करने के लिए प्रगति करेगी। इस मौसम प्रणाली के कारण मानसून की वापसी में देरी हो सकती है।

𝐁𝐇𝐈𝐒𝐌 𝐏𝐀𝐓𝐄𝐋

𝐄𝐝𝐢𝐭𝐨𝐫 𝐚𝐭 𝐇𝐈𝐍𝐃𝐁𝐇𝐀𝐑𝐀𝐓 𝐋𝐢𝐯𝐞 ❤
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