
कोंडागांव में किसान की खुदकुशी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भूपेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि सरकार के कुशासन और कुनीतियों ने फिर एक किसान की जान ले ली। संवेदनहीन सरकार अब किसान को नशेड़ी बताने पर तुली है। किसान पुत्र होने का स्वांग रचने वाले मुख्यमंत्री को शर्म भी नहीं आती। कांग्रेस सरकार के पापों का घड़ा भर गया है। अब किसान करेंगे न्याय।
क्या है मामला बड़ेराजपुर तहसील के मारंगपुरी निवासी किसान धनीराम (40) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह करीब 100 क्विंटल धान बेचने की तैयारी में था, पर सरकारी रिकॉर्ड में जमीन का रकबा एकदम से घट जाने से केवल 11 क्विंटल धान बेचने का ही टोकन कटा। उस पर कोऑपरेटिव बैंक का 61932 रुपए कर्ज भी था। ग्रामीण किसान की आत्महत्या के पीछे बैंक के कर्ज का दबाव और मात्र 11 क्विंटल धान बेचने के टोकन को मुख्य कारण बता रहे हैं।
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के विपणन अधिकारी आरबी सिंह ने तकनीकी गड़बड़ी की जांच कराने की बात कही है। सॉफ्टवेयर और गिरदावरी में गड़बड़ी के चलते जमीन का रकबा घट जाने से जिले में और भी कई मामले सामने आ रहे हैं।
धनीराम की पत्नी सुमित्रा ने बताया कि उनका 6.70 एकड़ का भूमि स्वामित्व पट्टा है। इस हिसाब से करीब 100 क्विंटल धान बेचने की तैयारी थी। वह कई जगह से उधार ले रखे थे। व्यापारियों के पास भी खाद बीज का कर्ज था, जिससे जिससे उनके पति काफी परेशान थे। अपने रिश्तेदार प्रेमलाल नेताम को टोकन कटाने में भेजा था तब पता चला कि 11 क्विंटल धान ही बेच सकेंगे। इसके चलते वह मानसिक तनाव में आ गया व कर्ज के बोझ से इतना विचलित हो गया कि दूसरे दिन खेत जाने के की बात करते घर से निकल खेत के बगल में ही पेड़ पेड़ से लटक कर आत्महत्या कर ली। लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए बेल 🔔 आइकन को दबाये