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सुरक्षा के लिहाज से फिसड्डी हैं मारुति सुजुकी की ये तीन कारें, ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में मिला सिर्फ एक स्टार…

देश में बिकने वाली हर 2 में से 1 कार मारुति सुजुकी की होती है, न केवल रिटेल बिक्री में बल्कि एक्सपोर्ट में भी सबसे ऊपर है। अकेले ऑटोमोबाइल सेक्टर में मारुति सुजुकी की हिस्सेदारी 45 फीसदी से ज्यादा है। भरोसेमंद इंजन और पूरे देश में फैला सर्विस नेटवर्क ये इसकी यूएसपी है, जो ग्राहकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। लेकिन कार की गुणवत्ता और पैसेंजर सेफ्टी को लेकर वैश्विक स्तर पर हुए Global NCAP के क्रैश टेस्ट ने कंपनी और इसके ग्राहकों को मुश्किल में डाल दिया है। कंपनी की तीन सबसे लोकप्रिय कारें क्रैश टेस्ट में फिसड्डी साबित हुई हैं। इन कारों में मारुति की चर्चित कार स्विफ्ट (Swift) के अलावा इग्निस (Ignis) और एसप्रेसो (S-Presso) भी शामिल हैं। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी की कारों के क्रैश टेस्ट में फेल होने को लेकर बाजार में काफी चर्चा है। मारुति की ऐसी कोई कार नहीं है, जिसने सेफ्टी रेटिंग में 5-स्टार हासिल किए हों। आइए जानते हैं मारुति की किस कार को न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम यानी NCAP क्रैश टेस्ट में क्या रेटिंग मिली है…

तीनों कारों को मिला है सिर्फ 1 स्टार मारुति सुजुकी की तीन पॉपुलर कारों स्विफ्ट, इग्निस और एसप्रेसो के एंट्री-लेवल मॉडल्स का परीक्षण किया गया। इस टेस्ट में ​तीनों कारों को सिंगल-स्टार रेटिंग मिली है। स्विफ्ट सहित तीनों कारें ESC मानकों पर खरी नहीं उतरीं वहीं UN127 पैदल यात्री सेफ्टी स्टैंडर्ड्स पर भी ये कारें फिसड्डी साबित हुई। Global NCAP ने ये क्रैश टेस्ट के लिए जुलाई 2022 में नए प्रोटोकॉल तय किए थे। ये नए सेफ्टी टेस्ट इन्हीं के तहत किए गए हैं।

    1. एस-प्रेसो ने एडल्ट पैसेंजर प्रोटेक्शन के लिए 20.03 प्वाइंट्स और चाइल्ड ऑक्यूपेंट सेफ्टी के लिए सिर्फ 3.52 प्वाइंट्स हासिल किए। 3 साल के बच्चे के लिए चाइल्ड सीट फ्रंटल इम्पैक्ट टेस्ट के दौरान आगे के सिर की गति को रोकने में सक्षम नहीं थी। हालांकि, 18 महीने के बच्चे के लिए चाइल्ड सीट सिर के लिए अच्छी सुरक्षा और छाती के लिए खराब सुरक्षा प्रदान करती है।
  1. स्विफ्ट ने एडल्ट पैसेंजर सेफ्टी के लिए 19.19 प्वाइंट्स और चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन के लिए 16.68 प्वाइंट्स हासिल किए। साइड इम्पैक्ट टेस्ट, सिर की सुरक्षा, पेट और श्रोणि की सुरक्षा को अच्छा माना गया, जबकि छाती की सुरक्षा खराब थी। साइड पोल इम्पैक्ट टेस्ट नहीं किया गया क्योंकि कार में साइड हेड प्रोटेक्शन नहीं है।
  2. इग्निस ने एडल्ट पैसेंजर प्रोटेक्शन के लिए 16.48 प्वाइंट्स और चाइल्ड ऑक्यूपेंट सेफ्टी के लिए महज 3.86 प्वाइंट्स हासिल किए। कार ने चालक और यात्री के सिर और गर्दन को सुरक्षा प्रदान की। लेकिन चालक की छाती पर ज्यादा सुरक्षा नहीं थी। वहीं चालक और यात्री के घुटनों की सुरक्षा भी अपर्याप्त थी।

देश की सबसे बड़ी कार कंपनी पर सवाल क्रैश टेस्ट के नतीजों की घोषणा करते हुए Global NCAP के जनरल सेक्रेटरी एलेजांद्रो फुरस ने भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भारत में सबसे बड़े निर्माता का इस प्रकार का प्रदर्शन काफी चिंताजनक है। यह बात परेशान करती है कि सबसे बड़ा मार्केट शेयर रखने वाली कंपनी अभी भी इस तरह के खराब पर्फोर्मेंस वाले मॉडल बेच रही है।

𝐁𝐇𝐈𝐒𝐌 𝐏𝐀𝐓𝐄𝐋

𝐄𝐝𝐢𝐭𝐨𝐫 𝐚𝐭 𝐇𝐈𝐍𝐃𝐁𝐇𝐀𝐑𝐀𝐓 𝐋𝐢𝐯𝐞 ❤
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