छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ को मिला देश का सबसे स्वच्छतम राज्य का अवॉर्ड : राष्ट्रपति के हाथों मुख्यमंत्री बघेल ने ग्रहण किया स्वच्छता अवार्ड

छत्तीसगढ़ को स्वच्छ अमृत महोत्सव कार्यक्रम में सबसे स्वच्छ राज्य श्रेणी में पुरस्कृत किया गया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद के हाथों अवार्ड ग्रहण किया। इस सम्मान समारोह में प्रदेश के सर्वाधिक 67 नगरीय निकायों को भी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार दिये गए हैं। कार्यक्रम में आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी, राज्य मंत्री कौशल किशोर भी शामिल रहे।

राष्ट्रपति के हाथों मुख्यमंत्री श्री बघेल ने ग्रहण किया स्वच्छता अवार्ड

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने लगातार तीसरे साल स्वच्छतम् राज्य का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है तो इसका श्रेय छत्तीसगढ़ के पौने तीन करोड़ लोगों को जाता है। मैं विशेष रूप से राज्य की महिलाओं को इसका श्रेय देना चाहूंगा, जिन्होंने शहरों से लेकर गांवों तक स्वच्छता की एक नयी संस्कृति का निर्माण किया है।

गौरतलब है कि भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्यमंत्रालय द्वारा हर साल देश के समस्त शहरों एवं राज्यों के मध्य स्वच्छ सर्वेक्षण का आयोजन किया जाता है। इसमें विभिन्न मापदंडों के अंतर्गत शहरी स्वच्छता का आंकलन किया जाता है। मुख्य रूप से घर-घर से कचरा एकत्रीकरण, कचरे का वैज्ञानिक रीति से निपटान, खुले में शौच मुक्त शहर, कचरा मुक्त शहर आदि का थर्ड पार्टी के माध्यम से आंकलन करते हुए नागरिकों के फीडबैक को भी इसमें शामिल किया जाता है। इसी आधार पर राज्यों एवं शहरों की रैंकिंग जारी कर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्यों तथा शहरों को पुरस्कृत किया जाता है।

छत्तीसगढ़ देश का ऐसा एक मात्र प्रदेश है जहां पर नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी के सिद्धांतों के अनुरूप 9000 से अधिक स्वच्छता दीदियों द्वारा घर-घर से 1600 टन गीला एवं सूखा कचरा एकत्रीकरण करते हुए वैज्ञानिक रीति से कचरे का निपटान किया जा रहा है। इसके अलावा भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को देश का प्रथम ओडीएफ़ प्लस प्लस राज्य घोषित किया गया है।

नई दिल्ली में पुरस्कार ग्रहण करने मुख्यमंत्री के साथ ही शहरी विकास मंत्री श्री शिव कुमार डहरिया, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, विभाग की सचिव अलरमेलमंगई डी, आवासीय आयुक्त सुश्री एम गीता, स्वच्छ भारत मिशन के डायरेक्टर श्री सौमिल रंजन चौबे आदि समारोह में उपस्थित रहे।

नगर निगमों को मिला पुरस्कार

स्वच्छ सर्वेक्षण, गार्बेज फ्री सिटी के लिए रायपुर के महापौर एजाज ढेबर, अम्बिकापुर महापौर अजय तिर्की, भिलाई चरोदा के महापौर चंद्रकांत मांडले, बिलासपुर महापौर रामशरन यादव, चिरमिरी की महापौर कंचन जयसवाल, रायगढ़ महापौर जानकी अमृत काटजू, कोरबा महापौर राजकिशोर प्रसाद, राजनांदगांव महापौर हेमासुदेश देशमुख, दुर्ग महापौर धीरज बकलीवाल के साथ ही नगर निगम के आयुक्त, नगर पालिका अध्यक्ष, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नोडल अधिकारियों ने पुरस्कार ग्रहण किया।

छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक निकाय पुरस्कृत

छत्तीसगढ़ ने स्वच्छता के क्षेत्र में अपना परचम लहराते हुए देश के स्वच्छ्तम राज्य के अपने दर्जे को बरकरार रखते हुए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। छत्तीसगढ़ को न सिर्फ़ राज्य के रूप में, बल्कि यहां के 67 शहरी निकायों को भी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया। छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य है जिसके सबसे ज्यादा निकाय पुरस्कृत किए जा रहे हैं। स्वच्छता के मामले में छत्तीसगढ़ वर्ष 2019 एवं 2020 में भी अग्रणी राज्य रहा है।

इस तरह स्वच्छता में छत्तीसगढ़ ने मारी बाजी

स्वच्छता के क्षेत्र में राष्ट्रपति द्वारा दिए जाने वाले 239 पुरस्कारों में से 67 पुरस्कार छत्तीसगढ़ से संबंधित हैं। यह बड़ी उपलब्धि है।

इस सफलता के पीछे 10 हजार से अधिक स्वच्छता दीदीयां हैं। गांवों के 7 हजार 500 से अधिक गौठानों में लगभग 5 हजार स्व सहायता समूहों की 70 हजार महिलाएं विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से पर्यावरण को बेहतर बनाने में जुटी हुई हैं। नरवा-गरवा-घुरवा-बारी कार्यक्रम से स्वच्छता अभियान को जोड़ा।सिंगल यूज प्लास्टिक बैन पर जोर दिया। 6-R पॉलिसी यानी रीथिंक, रियूज, रिसाइकिल, रिपेयर, रिड्यूस, रिफ्यूज के आधार पर काम किया इससे नए अपशिष्ट बनने की मात्रा कम होने लगी। बस्तियों में सामुदायिक और सार्वजानिक शौचालय बनाए।

मानव मल प्रबंधन के लिए फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए, जहां सीवर का पानी ट्रीट होता है। लोगों को जागरुक करने के लिए स्वच्छता दीदियों ने डोर-टू-डोर जाकर लोगों को गीला-सूखा कचरा अलग रखने के लिए प्रशिक्षण दिया। नागरिकों की स्वच्छता संबंधी शिकायतों को 24 घंटे के अंदर निपटान के लिए टोल फ्री नम्बर 1100 की व्यवस्था की गई। गूगल से सभी सार्वजानिक एवं सामुदायिक शौचालयों को जोड़ा गया ताकि लोग अपने आस-पास के शौचालय को फोन पर ही सर्च कर सकें। गोधन न्याय योजना से सफाई और आमदनी दोनों बढ़ी।

𝐁𝐇𝐈𝐒𝐌 𝐏𝐀𝐓𝐄𝐋

𝐄𝐝𝐢𝐭𝐨𝐫 𝐚𝐭 𝐇𝐈𝐍𝐃𝐁𝐇𝐀𝐑𝐀𝐓 𝐋𝐢𝐯𝐞 ❤
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