जांजगीर-चांपा 15 अक्टूबर 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देशों के बाद, जांजगीर-चांपा जिला प्रशासन ने धान खरीदी की तैयारियों और एग्रीस्टैक पंजीयन में आ रही समस्याओं के निवारण के लिए बड़ा कदम उठाया है। कलेक्टर श्री जन्मेजय महोबे के मार्गदर्शन में, किसानों को हो रही परेशानियों को दूर करने और रकबा मिलान संबंधी त्रुटियों को सुधारने के लिए 15 से 17 अक्टूबर 2025 तक सभी सहकारी समितियों में विशेष शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।
इस पहल से किसानों को अब तहसील या अन्य सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। समितियों के स्तर पर ही तहसीलदार, पटवारी और सीएससी ऑपरेटर मौजूद रहेंगे, जो मौके पर ही किसानों की एग्रीस्टैक पंजीयन और रकबा मिलान से जुड़ी समस्याओं का समाधान करेंगे।
धान विक्रय के लिए फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य
धान बेचने के इच्छुक किसानों के लिए एग्रीस्टैक पोर्टल में पंजीकरण (फार्मर रजिस्ट्री) अनिवार्य कर दिया गया है। किसान 31 अक्टूबर 2025 तक अपना पंजीयन करा सकेंगे। बिना पंजीयन के किसान समर्थन मूल्य पर धान नहीं बेच पाएंगे।
शिविर में साथ लाएं ये दस्तावेज:
किसानों से अनुरोध किया गया है कि वे इन विशेष शिविरों में अपना आधार कार्ड, बी-1 की प्रति और पंजीकृत मोबाइल नंबर साथ लेकर आएं, ताकि पंजीयन या सुधार का कार्य तुरंत पूरा किया जा सके।
समस्या का समाधान शुरू
एग्रीस्टैक पंजीयन के दौरान कुछ किसानों का रकबा स्वचालित रूप से अपलोड नहीं हो पाया था, जिससे खरीदी केंद्रों की सूची में विसंगति आ रही थी। अब इन त्रुटियों को सुधारने के लिए मॉड्यूल-आधारित समाधान प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि 15 नवंबर से शुरू होने वाली धान खरीदी से पहले सभी किसानों के रकबा और अन्य विवरण दुरुस्त हो जाएं।
कलेक्टर ने किया शिविर का आकस्मिक निरीक्षण, दिए सख्त निर्देश
कलेक्टर श्री जन्मेजय महोबे ने आज सारागांव में लगे एग्रीस्टैक पंजीयन शिविर का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि शिविर के दौरान समितियों में बैठकर समयबद्ध तरीके से किसानों के पंजीयन सुधार कार्य को संपन्न किया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए और शत प्रतिशत पात्र किसानों का पंजीयन सुनिश्चित किया जाए।
कलेक्टर ने अधिकारियों को किसान पोर्टल में खसरा का मिलान कर ही पंजीयन करने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आगामी धान खरीदी से पहले यदि पंजीयन सुधार कार्य की प्रगति संतोषजनक नहीं पाई गई तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी समितियों में सतत मॉनिटरिंग, बीएलई (VLE) की उपस्थिति और खसरा सुधार प्रक्रिया को प्राथमिकता देने के भी निर्देश दिए। साथ ही, फार्मर रजिस्ट्री और छूटे हुए खसरा को जुड़वाने के लिए गांवों में कोटवारों के माध्यम से मुनादी कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।




















