रायपुर: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रदेश की कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कठोर निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस की छवि ऐसी होनी चाहिए, जिससे अपराधियों में कानून का भय और आम नागरिकों में सुरक्षा का अहसास उत्पन्न हो।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों के बीच मजबूत समन्वय पर जोर दिया और चेतावनी दी कि कानून-व्यवस्था के मामलों में किसी भी प्रकार की ढिलाई को प्रशासनिक उदासीनता माना जाएगा और सख्त कार्यवाही की जाएगी।
अपराधों पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति
मुख्यमंत्री ने जघन्य अपराधों पर ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सड़कों पर अव्यवस्था फैलाने, चाकूबाजी और हत्या जैसे अपराधों पर कठोरता से निपटा जाए। गौ-तस्करी और धर्मांतरण जैसे संवेदनशील मामलों पर सघन निगरानी रखने और दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया है। उन्होंने अपराध नियंत्रण में बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों के मॉडल को अन्य जिलों में लागू करने का निर्देश दिया।
नशाखोरी और मादक पदार्थों पर वार
मुख्यमंत्री श्री साय ने नशाखोरी को अपराधों की जड़ बताते हुए इसके उन्मूलन को कानून-व्यवस्था सुधार की पहली शर्त बताया। उन्होंने एनकॉर्ड (NCORD) के तहत राज्यव्यापी अभियान चलाने, सीमावर्ती जिलों में मादक पदार्थों की तस्करी पर रोक लगाने और एनडीपीएस एक्ट के तहत समय-सीमा में कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही, युवाओं को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाने पर बल दिया।
घुसपैठियों के पहचान हेतु विशेष टास्क फोर्स
प्रदेश में घुसपैठियों की पहचान और नियंत्रण के लिए एक विशेष टास्क फोर्स (STF) गठित की गई है। मुख्यमंत्री ने सीमावर्ती जिलों में सघन जांच और संदिग्ध गतिविधियों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
आत्मसमर्पित माओवादियों का पुनर्वास प्राथमिकता
बैठक में आत्मसमर्पित माओवादियों के पुनर्वास और आजीविका सशक्तिकरण पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने पुनर्वास नीति में माओवादियों का विश्वास बनाए रखने को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए आत्मसमर्पित माओवादियों को कौशल विकास प्रशिक्षण देकर स्थानीय रोजगार या स्वरोजगार से जोड़ने का निर्देश दिया ताकि वे सम्मानपूर्वक मुख्यधारा में लौट सकें।
सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था पर गहन मंथन
सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम और यातायात व्यवस्था सुधार हेतु कठोर कदम उठाने पर जोर दिया गया। हेलमेट, सीट बेल्ट और यातायात नियमों का पालन न करने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए। ब्लैक स्पॉट की पहचान कर सुधारात्मक कार्य किए जाने, रात 10 बजे के बाद डीजे या लाउडस्पीकर के उपयोग पर रोक लगाने और नशे में वाहन चलाने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
साइबर अपराधों पर अंकुश
साइबर अपराधों को आधुनिक युग का जटिल खतरा बताते हुए, मुख्यमंत्री ने पुलिस बल को निरंतर तकनीकी प्रशिक्षण देने पर बल दिया। उन्होंने साइबर हेल्पलाइन नंबर का व्यापक प्रचार-प्रसार करने और प्रत्येक जिले में साइबर जागरूकता अभियान चलाकर आम नागरिकों को ठगी, फिशिंग और ऑनलाइन धोखाधड़ी से सुरक्षित रखने के निर्देश दिए।
“विकसित छत्तीसगढ़” के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही
मुख्यमंत्री श्री साय ने स्पष्ट किया कि पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन, टीम भावना और साझा उत्तरदायित्व ही ‘विकसित छत्तीसगढ़’ की वास्तविक नींव है। उन्होंने कहा कि योजनाओं की सफलता लागू करने वाली टीम की पारदर्शिता, संवेदनशीलता और जवाबदेही पर निर्भर करती है।
कॉन्फ्रेंस में गृह मंत्री श्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव श्री विकास शील, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री मनोज पिंगुआ, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।




















