छत्तीसगढ़

कोई मेसेज, व्हाट्सएप (सोशल मीडिया) के माध्यम से अपमानजनक शब्दो का प्रयोग करे तो क्या करें…

साइबर मानहानि : दोस्तो आजकल थाने में साइबर मानहानि की रिपोर्ट आ रही है।।इंटरनेट के माध्यम से किसी व्यक्ति को अपमानजनक शब्द कहना वेबसाइट के माध्यम से ऐसा कोई ई मेल भेजना जिससे व्यक्ति अपमानित महसूस करे या उसकी प्रतिष्ठा को ठेश पहुँचे ,ऐसे अपराध साइबर मानहानि की श्रेणी में आते है।

भारतीय दंड विधान की धारा 499 ,500 ता हि के प्रावधानों के तहत मानहानि का अपराध असंज्ञेय प्रकृति का होता है।जिसकी रिपार्ट परिवाद के रूप मे सीधे न्यायालय में की जाती है।

दोस्तो चाहे वह सामान्य मानहानि का केश हो अथवा साइबर मानहानि अर्थात आपको यदि मेसेज ई मेल या व्हाट्सएप के माध्यम से अपमानित करने संबंधी मेसेज आपको मेले को वह केस साइबर मानहानि की श्रेणी में आएगा ।जो कि असंज्ञेय प्रकृति का अपराध है ।जो पुलिस हस्तक्षेप अयोग्य होता है।ऐसे अपराध के लिए आपको थाना न जाकर सीधे मननीय न्यायालय जाकर *रिपोर्ट टू कोर्ट* अर्थात परिवाद करना होता है इसके लिए शिकायत सीआरपीसी की धारा-200 के तहत अदालत में अर्जी दाखिल करता होता है और वह आरोपी के खिलाफ तमाम सबूत पेश करना होता है शिकायती के सबूत व बयान से अगर अदालत संतुष्ट हो जाए तो वह आरोपी के खिलाफ मानहानि के मामले में समन जारी करता है और फिर केस चलता है।

डिफेमेशन एक समझौतावादी अपराध का मामला है। यह जमानती अपराध की कैटिगरी में आता है। इस मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद दो साल कैद की सजा का प्रावधान है इसके तहत वादी मुआवजे की मांग भी कर सकता है।

सावधान रहें सुरक्षित रहें
बालोद पुलिस
(थाना गुण्डरदेही द्वारा जनहित में जारी)

𝐁𝐇𝐈𝐒𝐌 𝐏𝐀𝐓𝐄𝐋

𝐄𝐝𝐢𝐭𝐨𝐫 𝐚𝐭 𝐇𝐈𝐍𝐃𝐁𝐇𝐀𝐑𝐀𝐓 𝐋𝐢𝐯𝐞 ❤
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