रायपुरः पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह अक्सर भूपेश सरकार को अपने निशाने पर लेते हैं. उन्होंने प्रदेश के लोकल ठेकेदारों के मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथों लिया और शायरा अंदाज में ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि
रंग सियार का धीरे-धीरे उतर रहा है
पापों का घड़ा भी तुम्हारा भर रहा है
पहले स्कूल ड्रेस बनाने का काम बंगाल के कारीगरों को दिया, अब जल जीवन मिशन में अरबों का काम बाहरी ठेकेदारों को दे दिया।
@bhupeshbaghel का छत्तीसगढ़ प्रेम सिर्फ दिखावा है, असल मकसद तो भ्रष्टाचार कर जेब भरना है।
क्या है मामला
केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई जल जीवन मिशन योजना के तहत राज्य को सात हजार करोड़ रुपए का फंड मिला है। राज्य के पीएचई महकमे को मिले करोड़ों रुपए के फंड के बाद अफसरों ने बाहरी ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा ताना-बाना बुना कि राज्य के ठेकेदार मापदंड से पूरी तरह बाहर हो गए। सूत्रों ने बताया कि राज्य में करीब 1200 ठेकेदारों ने जल जीवन मिशन के तहत काम लेने के लिए अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया था। लोकल ठेकेदारों को उम्मीद थी कि उन्हें इस योजना में काम मिल ही जाएगा, लेकिन पीएचई महकमे द्वारा सात हजार करोड़ की कुल राशि में से लोकल ठेकेदारों को सिर्फ 25 फीसदी राशि के ही काम आवंटित किए गए। मापदंड के कारण 75 फीसदी फंड के काम बाहरी राज्यों के करीब 20 ठेकेदारों को दिए गए हैं। पीएचई द्वारा पिछले हफ्ते ही काम आवंटित किए गए थे। इस सूची के जारी होने के बाद लोकल ठेकेदारों के होश उड़ गए और उन्होंने सीएम हाउस में इसकी शिकायत की। मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मामले में जांच के आदेश जारी।