छत्तीसगढ़

धरमजयगढ़ : कोरोना आपदा में घर नहीं आ पा रही बालिका को धरमजयगढ़ पुलिस बैंगलोर से लाई वापस, एक साल बाद थाने में बालिका से मिलकर परिजनों के आंखो में आये खुशी के आंसू…..

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धरमजयगढ़ :- धरमजयगढ़ पुलिस द्वारा आज दिनांक 08.12.2020 को थानाक्षेत्र से माह नवम्बर 2019 को गुम हुई बालिका को बैंगलोर उसके आश्रयस्थल से सकुशल वापस लाया गया है, बालिका से पूछताछ बाद उसे उसके परिजनों के सुपुर्द किया गया है । थाने में अपनों से मिलकर गुमशुम बालिका के चेहरे पर मुस्कुराहट बिखर पड़ी, बालिका के परिजन धरमजयगढ़ पुलिस को धन्यवाद देते थक नहीं रहे थे ।

जानकारी के अनुसार दिनांक 01.12.2019 को थाना धरमजयगढ़ में नाबालिग बालिका के परिजन थाना आकर रिपोर्ट दर्ज कराये कि दिनांक 26/11/19 को बालिका घर में बिना बताये कहीं चली गई है । रिस्तेदारों एवं आसपास पता करने पर पता नहीं चला है । परिजन उनके समीप गांव के एक युवक पर बालिका को बहला फुसलाकर भगाकर ले जाने की शंका जाहिर किये थे । धरमजयगढ़ पुलिस द्वारा संदेही युवक के विरूद्ध अप.क्र. 239/19 धारा 363 IPC पंजीबद्ध कर विवेचना की जा रही थी ।

विवेचना दरम्यान धरमजयगढ़ पुलिस द्वारा बालिका के परिजनों से मिली जानकारी एवं संदेही युवक का कॉल डिटेल निकालकर पतासाजी विवेचना की जा रही थी । प्रकरण की विवेचना में जानकारी प्राप्त हुई कि बालिका गांव के कुछ लोगों के साथ कमाने-खाने बैंगलोर गई है और वहीं किसी कम्पनी में काम करने लगी है । कम्पनी द्वारा लॉक डाउन के दौरान भी अपने कर्मचारियों से काम लिया जा रहा था, कर्मचारी कम्पनी कैम्पस अंदर ही काम कर रहे थे । कोरोनाकाल में ट्रेनें बंद होने से बालिका अपने घर नहीं आ पा रही थी । तब उसने गत दिनों अपने आश्रयस्थल (बैंगलोर) से अपने परिजनों को खबर दी कि वह बैंगलोर के कम्पनी में है, वह आ नहीं पा रही है, परिवार से कोई लेने आ जायें । तब इसकी जानकारी परिजन थाना धरमजयगढ़ जाकर थाना प्रभारी टी.आई. अंजना केरकेट्टा को दिये । थाना प्रभारी द्वारा एसपी श्री संतोष कुमार सिंह से गुम बालिका की पतासाजी के लिए टीम दिगर प्रान्त भेजने की अनुमति लिया गया और प्रधान आरक्षक लक्ष्मीनारायण कैवर्त, आरक्षक धनेश्वर उरांव, महिला आरक्षक मंगरिता पैंकरा की टीम बनाकर बैंगलोर भेजा गया । पुलिस टीम दिनांक 08.12.2020 को बालिका को बैंगलोर उसके आश्रयस्थल से धरमजयगढ़ लेकर आई ।

बालिका के परिजनों को थाना बुलाया गया था, बालिका पुलिस टीम के साथ रास्ते भर गुमशुम थी पर जब थाने में अपने माता पिता को देखी तो उसके चेहरे में अलग से मुस्कुराहट आ गई थी, उसके परिजन उसे रूंधे गले से गले लगा लिये, अब खुशी से दोनों मां-बेटी के आंखे भर आई । बालिका के पिता ने घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से बालिका द्वारा बिना बताये घर से कमाने खाने चले जाना कहते हुए धरमजयगढ़ पुलिस को धन्यवाद देते हुए बोले कि “हमारी स्थिति अभी बैंगलोर जाकर अपनी बेटी को लाने की नहीं थी, धरमजयगढ़ पुलिस को बारम्बार धन्यवाद । ” निरीक्षक अंजना केरकेट्टा द्वारा बरामद बालिका से पूछताछ कर कथन लिया गया जिसमें उसने कोई अप्रिय घटना नहीं होना बताया गया है । तत्पश्चात बालिका को उसके परिजनों के सुपुर्द किया गया है । लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए बेल 🔔 आइकन को दबाये

𝐁𝐇𝐈𝐒𝐌 𝐏𝐀𝐓𝐄𝐋

𝐄𝐝𝐢𝐭𝐨𝐫 𝐚𝐭 𝐇𝐈𝐍𝐃𝐁𝐇𝐀𝐑𝐀𝐓 𝐋𝐢𝐯𝐞 ❤
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